scriptएमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, खारिज की एसएलपी | Supreme Court's decision clears the way for 27% reservation for OBCs in MP | Patrika News
भोपाल

एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, खारिज की एसएलपी

OBC reservation – एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूथ आफ इक्वलिटी द्वारा दायर की गई स्पेशल लीव पिटीशन खारिज कर दी है।

भोपालApr 07, 2025 / 06:35 pm

deepak deewan

Supreme Court's decision clears the way for 27% reservation for OBCs in MP

Supreme Court’s decision clears the way for 27% reservation for OBCs in MP

OBC reservation – एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने यूथ आफ इक्वलिटी द्वारा दायर की गई स्पेशल लीव पिटीशन खारिज कर दी है। शीर्ष कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि शिवम गौतम बनाम सरकार के मामले में कोई स्टे नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोई कानूनी रोक नहीं है। देश की शीर्ष कोर्ट के इस फैसले के साथ ही एमपी के ओबीसी आरक्षित वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित ओबीसी आरक्षण मामले में दिल्ली में सुनवाई की। कोर्ट ने यूथ फॉर इक्वलिटी की SLP खारिज कर दी। सरकार की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ, लिहाजा यूथ फॉर इक्वलिटी की याचिका खारिज कर दी गई।
यह भी पढ़ें

एमपी में फिर बहने लगी पुरानी बड़ी नदी, उद्गम स्थल पर निकली पानी की धार

यह भी पढ़ें

एमपी में मंत्री के अफसर की पत्नी से छेड़छाड़, 48 वर्षीय पीड़िता के साथ की अश्लील हरकतें

27 प्रतिशत आरक्षण देने का रास्ता साफ

इस मामले में हाईकोर्ट भी यूथ फॉर इक्वलिटी की याचिका खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को दो याचिकाएं खारिज की थीं। यूथ फॉर इक्वलिटी की याचिका में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के सर्कुलर को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में लगी एसएलपी खारिज कराने के लिए ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपना पक्ष दमदारी से रखा। यूथ फॉर इक्वलिटी की याचिका खारिज होने के साथ ही एमपी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है।

आरक्षण पर कोई कानूनी रोक नहीं

‘यूथ फॉर इक्वलिटी’ की याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं हुआ। इससे सरकार द्वारा मामले को जानबूझकर लटकाने की कोशिश करने की आशंका उत्पन्न हुई। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने न केवल याचिका को खारिज कर दिया बल्कि ये भी साफ कर दिया है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोई कानूनी रोक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने मामले की सुनवाई की। एडवोकेट वरुण ठाकुर एवं एडवोकेट रामकरण ने ओबीसी महासभा की ओर से पक्ष रखा। ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में यह केस लड़ने के लिए समुदाय ये एक-एक रुपए एकत्रित किए थे।

ओबीसी को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण

एमपी में कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया था। 2019 में लिए गए इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई गई थी जिसे खारिज कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में यह एसएलपी यूथ फॉर इक्वेलिटी संगठन द्वारा दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एमपी हाईकोर्ट के आदेश को उचित बताते हुए स्पष्ट किया कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण में कोई न्यायिक अड़चन नहीं हैं। गौरतलब है कि फरवरी माह में ही एमपी हाईकोर्ट जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ और न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के कानून का पालन करने का आदेश दिया था। पीठ ने यह भी कहा था कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर किसी प्रकार की रोक नहीं है।

Hindi News / Bhopal / एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, खारिज की एसएलपी

ट्रेंडिंग वीडियो