इन कलाकारों का कहना है कि श्रीराम के आदर्श, धैर्य, संयम और मर्यादा को मंचित करते हुए ये गुण उनके अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बन गए। वे सात्विक जिंदगी जी रहे हैं। ये भी पढें
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जब बुजुर्ग ने छू लिए पैर : गोदान कुमार
40 वर्षीय रंगकर्मी गोदान कुमार राम के कई चरित्र निभा चुके हैं। उनका कहना है कि भारत भवन में उन्हें देख एक बुजुर्ग ने भी पैर छू लिए। यह जीवन का अविस्मरणीय क्षण था। तब से श्रीराम(Ram Navami 2025) के चरित्र संयम, धैर्य और हर परिस्थिति में सुखी रहने के गुण को आत्मसात कर लिया।
सबको साथ लेकर चलने का भाव : संजय मेहता
नाटक सीता वनवास में राम का किरदार निभाने वाले संजय मेहता कहते हैं कि जब आप सिर्फ अभिनय करने के लिए करते हैं तो उस चरित्र से कुछ नहीं सीख पाते, लेकिन चिंतन और आध्यात्मिकता के साथ जब उसे करते हैं तो ये आपके जीवन को बदल देता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ।
समाज को देखने का नजरिया बदला : तिवारी
राम(Ram Navami 2025) का किरदार करने वाले राहुल तिवारी कहते हैं कि राम के आदर्श कब मेरे जीवन का हिस्सा बन गए, पता ही नहीं चला। राम के किरदार ने ही बताया कि समर्पण, त्याग और संयम की क्या होता है। मैने जाना एक राजा के ताज में बहुत कांटे होते हैं जो समर्पण और मर्यादा से प्रेरित होते हैं।