बीडीए का दावा है कि यह सभी मकान स्कीम नंबर-13 में आ रहे हैं। बीडीए की ओर से खसरा नंबर 232 में नवीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बीडीए इस योजना के खसरा नंबर 299, 230, 231, 255/244, 223, 224, 225, 226, 227, 228, 279, 268, 269 एवं 270 को अतिक्रमण बता रहा है। आम नोटिस में बीडीए की ओर से कहा है कि आपकी ओर से किए गए अवैध निर्माण को सात दिवस के अंदर अपने स्तर से हटा लें। याद गुजरने के बाद भरतपुर विकास प्राधिकरण की ओर से अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि बीडीए की ओर से दिए गए नोटिस के बाद यहां रह रहे मकान मालिक लगातार विरोध कर रहें हैं। लोगों का कहना है कि वह मर जाएंगे, लेकिन मकानों को खाली नहीं करेंगे। लोगों का कहना है कि उन्होंने जीवन भर की खून-पसीने की कमाई से मकान बनाए हैं। अब प्रशासन उन्हें अवैध बता रहा है। लोगों का दावा है कि उनके पास मकानों की रजिस्ट्री भी है।
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विजय नगर कॉलोनी निवासी मीरा ने बताया कि 8 दिन पहले अधिकारी घरों के बाहर नोटिस लगाकर गए हैं। जब अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि कोर्ट में जाकर इसकी जानकारी कर लो। ज्यादा पूछने पर अधिकारियों ने बताया कि मकान तोड़े जाएंगे, क्योंकि यह जमीन स्कीम नंबर-13 में आ गई है। हमें यहां रहते हुए करीब 35 साल हो गए हैं।
कुछ लोगों पर रजिस्ट्री और कुछ पर इकरारनामा है। महिला ने कहा कि ऐसा हुआ तो हम छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। बुजुर्ग महिला अमीरा ने बताया कि मकान टूट जाते हैं तो हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। हमें मकान में रहते हुए करीब 50 साल हो चुके हैं। इस संबंध में लोगों ने सांसद संजना जाटव से मिलकर मकानों को बचाने की गुहार लगाई है।
विजय नगर कॉलोनी निवासी नेमीचंद का कहना है कि कॉलोनी में लोग वर्ष 2002 से पहले रह रहे हैं। लोगों के पास मकानों के एग्रीमेंट और रजिस्ट्री हैं। बिजली-पानी के कनेक्शन है। लोगों का दावा है कि कुछ लोगों के मकान तो पीएम आवास योजना के तहत बने हुए हैं। अब प्रशासन ने ऐसे मकानों को तोडऩे के नोटिस दिए हैं। लोगों ने बताया कि कॉलोनी में पीएम आवास योजना के तहत सात मकान बने हुए हैं। उन मकानों को भी तोड़ने के नोटिस बीडीए की ओरसे दिए गए हैं। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से बात की तो तो कहा कि मकान नहीं तोड़े जाएंगे, लेकिन लिखित में कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
पीएम आवास योजना में भी वहां मकान बने हुए हैं, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन नोटिस उन्हीं को दिए गए हैं, जिन्होंने अवाप्तशुदा जमीन पर मकान बना रखे हैं। ऐसे मकान वालों का निर्णय उच्च स्तर से ही होगा।- ताराचंद सैनी, नायब तहसीलदार बीडीए,भरतपुर