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बाड़मेर

आपका बच्चा है मोटा तो अब स्कूल वाले करेंगे चिंता, कारण है यह

स्वास्थ्य राजदूत विद्यार्थियों को उनके खाद्य तेल उपभोग पर नजर रखने तथा उनके स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर में होने वाले परिवर्तनों का निरीक्षण करने के लिए गतिविधियां करेंगे। विद्यालयों या घरों में तलने के स्थान पर भाप से पकाने, ग्रिलिंग, उबालने और बेक करने जैसी स्वास्थ्यवर्धक खाना पकाने की तकनीकों को बढ़ावा देंगे।

बाड़मेरApr 16, 2025 / 08:35 pm

Dilip dave

बढ़ते बचपन के मोटापे को कम करने के लिए एडवाइजरी जारी

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के मोटापे को कम करना का जिम्मा अब स्कूल प्रबंधन संभालेगा। ऐसे बच्चों की पहचान कर स्कूल पौष्टिक आहार के साथ खान-पान को लेकर अभिभावकों में जागरूकता फैला व्यायाम पर ध्यान देंगे जिससे कि बचपन में ही मोटापे पर अंकुश लग सके।
मिलेगा पौ​ष्टिक आहार

विद्यालयों में अध्ययनरत बचपन के मोटापे वाले विद्यार्थियों के लिए पौष्टिक आहार मिलेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बाल-वाटिका और कक्षा 1 से 8 में नामांकित सभी विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलता है। इसमें मोटापे वाले बच्चों के लिए फोर्टिफाइड खाद्य तेल (विटामिन ए और डी से समृद्ध) और डबल फोर्टिफाइड नमक विद्यालय पोषण उद्यानों में उगाई गई सब्जियों को ऐसे विद्यार्थियों को खाने में दिया जाएगा जिससे कि मोटापे पर अंकुश लगे।
खाद्य तेल को लेकर करेंगे जागरूक

अत्यधिक खाद्य तेल का सेवन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा, हृदय रोग और पाचन संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए विद्यार्थियों के बीच एक स्वस्थजीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए दैनिक भोजन में तेल के सेवन के बारे में जागरूकता किया जाएगा। जिसमें भोजन में तेल के उपयोग को कम करने के महत्व पर विशेष संगोष्ठी, गृह विज्ञान महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों से पोषण विशेषज्ञों को आमंत्रित कर वार्ता करवाई जाएगी। स्वस्थ खान-पान की आदतों पर स्कूल स्तर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित होगी जिसमें विजेताओं को उचित पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इको-क्लब गतिविधियां जैसे कि वार्ता, समूह चर्चा और पोषण एवं स्वास्थ्य पर निबंध लेखन का आयोजन होगा।
व्यायाम व योग पर ध्यान- स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने और अतिरिक्त कैलोरी खर्च करने के लिए नियमित‘‘व्यायाम और योग‘‘ के महत्व की जानकारी देकर स्कूल में नियमित योग- व्यायाम करवाए जाएंगे। वहीं जिला, ब्लॉक व स्कूल स्तर पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।
विद्यार्थी होंगे स्वास्थ्य राजदूत-

विद्यालयों में विद्यार्थियों को स्वास्थ्य राजदूत नियुक्त करेंगे जो अपने साथियों को शिक्षित कर बेहतर भोजन विकल्पों की जानकारी देंगे। स्वास्थ्य राजदूत विद्यार्थियों को उनके खाद्य तेल उपभोग पर नजर रखने तथा उनके स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर में होने वाले परिवर्तनों का निरीक्षण करने के लिए गतिविधियां करेंगे। विद्यालयों या घरों में तलने के स्थान पर भाप से पकाने, ग्रिलिंग, उबालने और बेक करने जैसी स्वास्थ्यवर्धक खाना पकाने की तकनीकों को बढ़ावा देंगे।

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