बड़ी संख्या में पुलिस की दबिश से दहशत और सन्नाटा
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसपी क्राइम नीहारिका तोमर, एसपी सिटी रुद्रपुर, एसपी काशीपुर और कई सीओ समेत 300 पुलिसकर्मी फतेहगंज पश्चिमी पहुंचे। स्थानीय चौकी इंचार्ज बलवीर सिंह के साथ पुलिस ने मोहल्ला अंसारी, अगरास समेत तीन इलाकों में एक साथ दबिश दी। अचानक पुलिस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। तलाशी के दौरान कोई नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ, लेकिन पुलिस 16 लोगों को हिरासत में लेकर उत्तराखंड ले गई। 15 लोगों का नशा तस्करी से कोई संबंध नहीं था और वे किसी मामले में वांछित भी नहीं थे, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं, पुल भट्ठा थाने में दर्ज एक एनडीपीएस मामले में संलिप्तता मिलने पर अगरास निवासी आसिफ हुसैन का चालान किया गया।उत्तराखंड पुलिस पर अभद्रता और तोड़फोड़ के आरोप
फतेहगंज पश्चिमी के स्थानीय निवासियों ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस ने घरों में तोड़फोड़ की, महिलाओं से अभद्रता की और कई घरों के सीसीटीवी उखाड़ दिए। डीवीआर भी अपने कब्जे में ले लिया, जिससे उनकी कार्रवाई का कोई सबूत न रहे। हिरासत में लिए गए लोगों के परिजन उन्हें छुड़ाने के लिए पूरे दिन परेशान रहे और शाम को 15 लोगों के लौटने के बाद पुलिस अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई।छत से कूदकर भागा युवक, पैर टूटा
पुलिस की दबिश से बचने के लिए कस्बे के मोनिस नामक युवक ने छत से छलांग लगा दी, जिससे उसका पैर टूट गया। बताया जा रहा है कि वह एक बड़े स्मैक तस्कर का रिश्तेदार है। घायल मोनिस को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया है। फतेहगंज पश्चिमी में उत्तराखंड पुलिस की इस कार्रवाई से दहशत का माहौल है। एसएसपी अनुराग आर्य ने पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी है और थाने की जीडी में भी घटना दर्ज कराई गई है।पुलिस अधिकारियों के बयान
मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधम सिंह नगर:“कुछ आरोपियों के उत्तर भारत के कई राज्यों में ड्रग्स मामलों में संलिप्त होने के साक्ष्य मिले हैं। अन्य नशा तस्करों की भी जानकारी मिली है। जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।”
“उत्तराखंड पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी में दबिश देकर 16 लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन उनके घर से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला। जांच के बाद 15 लोगों को छोड़ दिया गया, जबकि एक का चालान किया गया है।”