पूरा मामला
तहसील हैदरगढ़ के ग्राम पूरे धनई मजरे के निवासी एक दृष्टिहीन दिव्यांग व्यक्ति ने अपने ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता महसूस की। उन्होंने 21 फरवरी को जिलाधिकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन प्राप्त होने के बाद, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। सिर्फ सात दिनों के भीतर, 28 फरवरी को, आवश्यक धनराशि 1.16 लाख रुपये संबंधित अस्पताल के खाते में स्थानांतरित कर दी गई।
डीएम शशांक त्रिपाठी की कार्यशैली
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी अपनी संवेदनशीलता और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, त्वरित निर्णय क्षमता और जनता की समस्याओं के प्रति गहरी समझ शामिल है। उनके नेतृत्व में, प्रशासनिक मशीनरी जनहित के कार्यों में तेजी से निर्णय ले रही है, जिससे जनता का विश्वास प्रशासन पर बढ़ा है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का महत्व
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद व्यक्तियों को आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना है। इस कोष के माध्यम से चिकित्सा, शिक्षा और अन्य आवश्यकताओं के लिए सहायता प्रदान की जाती है। डीएम शशांक त्रिपाठी द्वारा इस कोष का सही और त्वरित उपयोग एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे प्रशासनिक अधिकारी इस कोष का उपयोग जनहित में कर सकते हैं।
समाज पर प्रभाव
इस प्रकार की त्वरित और संवेदनशील प्रशासनिक कार्रवाई से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। दृष्टिहीन दिव्यांग व्यक्ति को मिली इस सहायता से न केवल उनकी व्यक्तिगत समस्या का समाधान हुआ, बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को भी यह विश्वास मिला कि प्रशासन उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और सहायता के लिए तत्पर है। बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी द्वारा दृष्टिहीन दिव्यांग व्यक्ति को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 1.16 लाख रुपये की सहायता प्रदान करना प्रशासनिक संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस प्रकार की कार्रवाइयों से समाज में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ता है और जरूरतमंद व्यक्तियों को सहायता मिलती है।