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बलौदाबाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। ऐसे में सीमेंट संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी वस्तुओं के परिवहन में भी ये उपयोगी सिद्ध होगा। इसके अलावा परियोजना से रेलवे की क्षमता में वृद्धि होगी। हर साल लगभग 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई की जा सकेगी। रेल मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
इससे 95 करोड़ लीटर तेल आयात में कमी आएगी। कार्बन उत्सर्जन में 477 करोड़ किलो कमी होगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। योजना के तहत 19 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख लोगों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। केंद्र ने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के 15 जिलों से होकर गुजरने वाली रेलवे की चार अन्य क्षमता निर्माण परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है। इन परियोजनाओं से रेलवे नेटवर्क में लगभग 1247 किमी का इजाफा होगा।