स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर SC में सुनवाई आज, मुख्य सचिव रखेंगे पक्ष; करोड़ों के निर्माण कार्य का भविष्य होगा तय
Ajmer News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की पालना रिपोर्ट पर मुख्य सचिव सुधांश पंत की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आज शपथ पत्र के आधार पर राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अजमेर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की पालना रिपोर्ट पर मुख्य सचिव सुधांश पंत की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आज शपथ पत्र के आधार पर राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार ने एनजीटी के आदेश की पालना में शपथ पत्र में झील किनारे बनी संरचनाएं हटाने संबंधी फोटो व विवरण रिपोर्ट पेश की है।
जिला प्रशासन ने एडीए व निगम के जरिए कार्रवाई करवाते हुए कुछ संरचनाएं हटाई हैं। इनमें सेवन वंडर्स में स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को हटाने के साथ ही फूड कोर्ट के एक हिस्से को ध्वस्त किया है। वेटलैंड एवं ग्रीन जोन में सांकेतिक रूप से कुछ निर्माण हटाकर पालना बताने के प्रयास किए गए हैं।
अन्य रेप्लिका फिलहाल नहीं हटाई गई हैं। स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के नट बोल्ट खोलकर स्टैंड से हटाया गया है। इसी प्रकार आजाद पार्क में ग्रीन जोन दिखाने के लिए घास लगाई गई है। महात्मा गांधी स्मृति वन में भी टाइल्स उखाड़ कर पालना दर्शाने के प्रयास किए गए।
अदालती आदेश के बाद साफ होगी स्थिति
एनजीटी के आदेश के मुताबिक सेवन वंडर, फूड कोर्ट आदि का निर्माण नियम विरुद्ध है। वेटलैंड एवं आनासागर झील की जमीन पर सरकारी प्रोजेक्ट खड़े कर करोड़ों रुपए फूंके गए। उधर सरकारी नुमाइंदे निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई को जारी रखने की बातें कर रहे हैं। कानून के जानकारों व अधिकारियों का कहना है कि सरकार अपना पक्ष मजबूती से रखेगी।
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कमेटी की रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की एसएलपी दायर करने के बाद एनजीटी के आदेशों की पालना रिपोर्ट मांगे जाने पर स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। हाल ही 11 मार्च को उपवन संरक्षक ने हाईपावर कमेटी का गठन किया है जो नियत अवधि में वेटलैंड क्षेत्र तय करेेगी। क्षेत्र निर्धारण के बाद इसके भीतर आने वाली संरचनाओं को हटाया जाएगा। जानकारों की मानें तो शपथ पत्र में प्रशासन ने सेवन वंडर को हटाने के लिए करीब छह माह का वक्त मांगा है। सरकार की ओर से वकील झील की सुरक्षा दीवार के रूप में पाथवे को बचाने का भी तर्क रखेंगे।
एक अन्य बिंदु अनुसार स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स को पटेल मैदान का भाग बताया जा रहा है। पटेल मैदान व आजाद पार्क के 60 हजार वर्ग मीटर में से मात्र 2000 वर्ग मीटर में निर्माण किए गए हैं। शेष में हरियाली पौधे व घास होने की रिपोर्ट से भी अदालत को अवगत कराया जाएगा। गांधी स्म़ृति उद्यान में पाथ वे के स्थान पर हरियाली, अदालती निर्देश पर और हरियाली बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।