सिविल अस्पताल के तहत साबरकांठा जिले की खेडब्रह्मा तहसील के 17 वर्षीय मनू इंद्रेश ओडिया 12 अप्रेल की रात 8.30 बजे एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। सिर में गंभीर चोट लगने से उसे पहले खेडब्रह्मा के सिविल अस्पताल में ले जाया गया ,वहां से उसे हिम्मतनगर रेफर किया गया, उसके बाद सिविल हॉस्पिटल अहमदाबाद में 16 अप्रेल को रेफर किया गया। यहां उपचार के दौरान 19 अप्रेल को चिकित्सकों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। उनके पिता इंद्रेश एवं दादा ने उसके अंगों के दान की स्वीकृति दी, जिससे उसके तीन अंग, दो किडनी, लिवर और दो आंखों का दान लिया गया।
अस्पताल में दान में मिला 164 वां लिवर
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राकेश जोशी ने बताया कि लिवर दिवस पर शनिवार को अस्पताल में ब्रेनडेड घोषित हुए किशोर के लिवर का भी दान मिला है। यह सिविल अस्पताल में दान में मिला 164वां लिवर है। चार साल से लगातार अंगदान की प्रक्रिया चल रही है, लोगों में जागरूकता आई है। इसके चलते अस्पताल में ब्रेनडेड हुए मरीजों में से 188 के परिजनों ने अंगदान किए हैं। इसके चलते 615 अंगों का दान मिला है, जिसमें 164 लिवर, 342 किडनी, 11 स्वादुपिंड, 60 हृदय, 30 फेफड़े, 6 हाथ, 2 छोटी आंत और 10 त्वचा शामिल हैं। इससे 597 लोगों को जीवनदान मिला है।
किडनी अस्पताल में अंगों का प्रत्यारोपण
जोशी ने बताया कि किशोर की दान में मिली दोनों किडनी और लिवर को सिविल मेडिसिटी परिसर की ही किडनी अस्पताल में भर्ती मरीजों में प्रत्यारोपण किया गया। उनकी दो आंखें भी मेडिसिटी के तहत आने वाली एम एंड जे आंख अस्पताल को दी गई हैं।