डोनाल्ड ट्रंप के कुछ अटपटे फैसले
अप्रवासियों पर सख्ती – हथकड़ी-बैड़ी और देश निकाला डोनाल्ड ट्रंप ने “Zero Tolerance” नीति अपनाते हुउ सन 2018 में ट्रंप प्रशासन ने दक्षिणी सीमा से आने वाले अवैध अप्रवासियों को तुरंत गिरफ्तार करना शुरू किया था। इसमें बच्चों को माता-पिता से अलग कर दिया जाता था, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई। कई मामलों में लोगों को हथकड़ी और कैद में रखकर डिपोर्ट किया गया, मानवीयता की भारी आलोचना हुई।टैरिफ वॉर ( शुल्क युद्ध )
भारत और चीन समेत कई देशों से आर्थिक टकराव किया और चीन, यूरोप, मैक्सिको, कनाडा जैसे देशों पर भारी टैरिफ लगाए। America First नीति के तहत उन्होंने चीन से आयात होने वाले सैकड़ों उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया, जिससे ट्रेड वॉर शुरू हुआ इससे वैश्विक बाजार अस्थिर हुए और अमेरिका में कुछ वस्तुएं महंगी हो गईं।रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर नरमी
डोनाल्ड ट्रंप अक्सर व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करते हुए दिखे। उन्होंने सन 2018 हेलसिंकी समिट में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर भरोसा न कर के पुतिन का समर्थन किया। यूक्रेन को सैन्य सहायता तो दी, लेकिन रूस पर सख्त दबाव नहीं डाला।इजराइल-हमास वेस्ट एशिया नीति पर एकतरफा झुकाव
डोनाड ट्रंप ने यरूशलम को इजराइल की राजधानी मान लिया और अमेरिका का दूतावास वहां स्थानांतरित किया। इससे फिलिस्तीनियों और मुस्लिम देशों में भारी गुस्सा भड़का। उन्होंने हमास और फिलिस्तीन समर्थकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।ईरान परमाणु समझौता रद्द (JCPOA से बाहर निकलना)
डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के ईरान न्यूक्लियर डील (JCPOA) को “worst deal ever” बताकर अमेरिका को उससे बाहर कर लिया। इसके बाद ईरान ने भी परमाणु संवर्धन बढ़ा दिया और तनाव बढ़ा। इस कदम ने मध्य-पूर्व में अस्थिरता बढ़ा दी।
जलवायु परिवर्तन को नकारना – पेरिस समझौते से बाहर
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर कर लिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिकी उद्योगों को नुकसान पहुंचाता है, जबकि पर्यावरणविदों ने इसे घातक बताया।COVID-19 पर अजीब बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए “Disinfectant इंजेक्शन” का सुझाव तक दे दिया था। उन्होंने लंबे समय तक मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को भी हल्के में लिया।