दरअसल, संजू मालवीय नाम के युवक की पत्नी गर्भवती थी। उसके पेट में अचानक दर्द उठा तो उसकी सास श्यामू बाई उसे चरक अस्पताल लेकर पहुंच गई। यहां पर अस्पताल के बाहर मौजूद रिश्तेदार माया ने पांड्याखेड़ी में संचालित होने वाली क्लिनिक में नॉर्मल डिलीवरी कराने का आश्वासन दिया। यहां पर तैयबा शेख की ओर से 10 हजार रुपए लेकर डिलीवरी कराई।
नवजात की हुई मौत
जब नवजात शिशु की हालत बिगड़ने लगी तो उसे चरक अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया। यहां पर उसकी मौत हो गई। दलाल माया प्रसूता को अस्पताल में छोड़कर भाग गई। जब इस मामले की जानकारी देने के लिए डिलीवरी कराने वाली महिला डॉक्टर से संपर्क साधा गया तो उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। साथ ही वह क्लिनिक से भी भाग गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए क्लिनिक की जांच की तो वहां न तो संचालन का लाइसेंस था न ही तैयबा के पास डिलीवरी कराने के लिए जरुरी दस्तावेज थे। इसके बाद टीम ने कार्रवाई करते हुए क्लिनिक को सील कर दिया।