मैनेजर से वैज्ञानिक तक का सफर
मेहनत को ही मंजिल का एकमात्र मार्ग मानने वाली विभा बचपन से ही कुछ बड़ा करना चाहती थी। 12वीं तक की पढ़ाई सीकर में करने के बाद उसने 2019 में एमएनआईटी जयपुर से बीटेक किया। फिर 2020 में गेट परीक्षा में ऑल इंडिया 92वीं रैंक हासिल कर आइआइटी मुंबई तक पहुंची। यहां 2022 में मेटलर्जिकल एंड मैटिरियल्स साइंस (धातुकर्म और पदार्थ विज्ञान) में फर्स्ट रैंक से एमटेक कर मल्टीनेशनल कंपनी में एसोसिएट मैनेजर पद काम किया। पर विभा का सपना अब भी अधूरा था, जो उसने शिद्ददत और लगन से इसरो तक पहुंचकर पूरा किया। सही रणनीति से सफल
इसरो में चयन के बाद विभा अब अंतरिक्ष विज्ञान के कई सूक्ष्म पहलुओं पर शोध करेगी। मेटलर्जिकल एंड मैटिरियल्स साइंस में विशेषज्ञता उसमें अहम भूमिका निभाएगी। सफलता का सूत्र बताते हुए विभा कहती है कि संघर्ष की यात्रा में सपना पूरा होने तक वह असंभव लगता है, लेकिन सही रणनीति के साथ खुद पर भरोसा व मेहनत हो तो उसे संभव बनाया जा सकता है।