1900 का बेट 600, 1800 की वालीबॉल 700
पत्रिका ने शहर के गो-गो स्पोर्ट्स, काजला स्पोर्ट्स व पंजाब स्पोर्ट्स पर किट की पड़ताल की। सामने आया कि संविदा में वालीबॉल की कीमत 1800 रुपए दर्शाई गई है, जो गुणवत्ता के हिसाब से 700 से 800 रुपए की बताई गई। ब्रांडेड कंपनी की वालीबॉल की ही उन्होंने अधिकतम कीमत 900 से एक हजार रुपए बताई। इसी तरह 1900 रुपए का बैट 600—700, साइज पांच की 905 रुपए की फुटबॉल 350 और 1700 रुपए वाला कैरम बोर्ड अधिकतम एक हजार रुपए का उपलब्ध मिला। यही नहीं किट में 490 रुपए की दर्शाई गई स्टॉप वॉच की कीमत 70 से 100 रुपए और 280 रुपए की सीटी अधिकतम 50 रुपए की बताई गई।25 का 12 व 10 हजार का किट पांच हजार में
सामान दिखाते हुए उनसे उसी गुणवत्ता के किट का कोटेशन भी लिया। उसमें प्राथमिक स्कूलों को मिले पांच हजार के किट को वे दो से ढाई हजार, मिडिल स्कूल के 10 हजार के किट को चार से पांच हजार और सीनियर सैकंडरी के 24986 रुपए का किट वे 9 से 12 हजार रुपए में खुदरा दर पर ही देने को तैयार दिखे।
फर्स्ट एड में मिली निशुल्क दवा
फर्स्ट एड किट में भी बड़ा घोटाला हुआ है। 1050 संविदा दर वाले किट में सभी दवाइयां सरकारी सप्लाई की मिली है, जिन पर ‘नोट फोर सेल’ साफ लिखा है।
इनका कहना है:-
सरकारी स्कूलों में मिले स्पोर्ट्स किट का मैंने पूरा जायजा लिया है। इसका सारा सामान नॉन ब्रांडेड है। प्राथमिक से सीनियर सैकंडरी स्कूल तक का किट मैं आधी से भी कम कीमत में दे सकता हूं।
उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।