scriptEXPOSE: 25 हजार का सरकारी किट, दुकानदार 10 हजार में देने को तैयार, फर्स्ट एड बॉक्स में भी सरकारी सप्लाई का घपला | EXPOS: Government kit worth 25 thousand, shopkeeper is ready to give it for 10 thousand, first aid box is also a scam of government supply | Patrika News
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EXPOSE: 25 हजार का सरकारी किट, दुकानदार 10 हजार में देने को तैयार, फर्स्ट एड बॉक्स में भी सरकारी सप्लाई का घपला

पत्रिका की स्पोर्ट्स की दुकानों पर की गई पड़ताल में किट की कीमत संविदा की दरों से भी आधी होना सामने आई है।

सीकरApr 06, 2025 / 10:32 pm

Sachin

सीकर. राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को मिले स्पोर्ट्स किट में बड़ा घपला सामने आया है। पत्रिका की स्पोर्ट्स की दुकानों पर की गई पड़ताल में किट की कीमत संविदा की दरों से भी आधी होना सामने आई है। आलम ये रहा कि सीनियर सैकंडरी स्कूलों को मिले 24 हजार 986 रुपए का स्पोर्ट्स किट देख दुकानदार उससे भी बेहतर क्वालिटी का किट 10 से 12 हजार रुपए में देने को तैयार हो गए। खास बात ये भी रही कि स्कूलों को मिले 1050 रुपए के फर्स्ट एड किट में भी सरकारी सप्लाई की निशुल्क दवाएं मिली है। ऐसे में साफ है कि प्रदेश में स्पोर्ट्स किट के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है।

1900 का बेट 600, 1800 की वालीबॉल 700

पत्रिका ने शहर के गो-गो स्पोर्ट्स, काजला स्पोर्ट्स व पंजाब स्पोर्ट्स पर किट की पड़ताल की। सामने आया कि संविदा में वालीबॉल की कीमत 1800 रुपए दर्शाई गई है, जो गुणवत्ता के हिसाब से 700 से 800 रुपए की बताई गई। ब्रांडेड कंपनी की वालीबॉल की ही उन्होंने अधिकतम कीमत 900 से एक हजार रुपए बताई। इसी तरह 1900 रुपए का बैट 600—700, साइज पांच की 905 रुपए की फुटबॉल 350 और 1700 रुपए वाला कैरम बोर्ड अधिकतम एक हजार रुपए का उपलब्ध मिला। यही नहीं किट में 490 रुपए की दर्शाई गई स्टॉप वॉच की कीमत 70 से 100 रुपए और 280 रुपए की सीटी अधिकतम 50 रुपए की बताई गई।

25 का 12 व 10 हजार का किट पांच हजार में


सामान दिखाते हुए उनसे उसी गुणवत्ता के किट का कोटेशन भी लिया। उसमें प्राथमिक स्कूलों को मिले पांच हजार के किट को वे दो से ढाई हजार, मिडिल स्कूल के 10 हजार के किट को चार से पांच हजार और सीनियर सैकंडरी के 24986 रुपए का किट वे 9 से 12 हजार रुपए में खुदरा दर पर ही देने को तैयार दिखे।

फर्स्ट एड में मिली निशुल्क दवा


फर्स्ट एड किट में भी बड़ा घोटाला हुआ है। 1050 संविदा दर वाले किट में सभी दवाइयां सरकारी सप्लाई की मिली है, जिन पर ‘नोट फोर सेल’ साफ लिखा है।

इनका कहना है:-


सरकारी स्कूलों में मिले स्पोर्ट्स किट का मैंने पूरा जायजा लिया है। इसका सारा सामान नॉन ब्रांडेड है। प्राथमिक से सीनियर सैकंडरी स्कूल तक का किट मैं आधी से भी कम कीमत में दे सकता हूं।
महेश बगड़िया, संचालक, गो-गो स्पोर्ट्स, सीकर।

स्पोर्ट्स किट में घटिया क्वालिटी का सस्सा सामान दिया गया है। इसमें बड़े घोटाले की बू है। इसकी निष्पक्ष जांच के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।

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