बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, कारोबारी अखिलेश राय, पार्षद अर्जुन राठौर, विवेक राठौर, सेठ विवेक रूठिया, प्रवीण तिवारी, भारत सोनी आदि शामिल हुए। बैठक के दौरान सीवन नदी की साफ-सफाई की योजना बनाई गई। जानकारी देते हुए बैठक के प्रभारी डॉ. गगन नामदेव ने बताया कि पूरा शहर जीवनदायनी नदी के लिए अपना तन, मन और धन देने के लिए तैयार है, इसके लिए शीघ्र ही एक समिति का गठन किया जाएगा। इसके पश्चात दो अपै्रल से समिति और क्षेत्रवासी दो चरणों में सफाई का कार्य आरंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि कई समाजसेवी धन के साथ ही गहरीकरण के अलावा सीवन में कचरे, निर्माल्य आदि नहीं डालने के लिए रैली आदि जागरुकता कार्यक्रम किए जाएंगे। बैठक के दौरान संडे का सुकून समिति, रोटरी क्लब, डॉक्टर एसोसिएशन आदि के पदाधिकारी मौजूद थे। शहर का भूजल स्तर सीवन नदी और सीटू नाले से मेंटेन होता है, लेकिन सीवन नदी की लगातार अनदेखी के कारण यह गर्मी आने के पहले ही सूख जाती है। गहरीकरण नहीं होने से इसमें ज्यादा पानी संरक्षित नहीं हो पाता है, जिससे शहर के बोर सूख जाते हैं। सीवन नदी को जलकुंभी भी बर्बाद कर रही है। इस बार क्षेत्र के लोग एकजुट हुए हैं और प्रशासन से मांग की है कि सीवन नदी का शुद्धीकरण किया जाए।
सीवन 19 किलोमीटर का सफर तय कर मिलती पार्वती से
सीवन नदी धबोटी एवं बमूलिया से शुरू हुई सीहोर नगर के मध्य बहकर 19 किलोमीटर दायरे में पार्वती से जा मिलती है। इसके कारण सीहोर शहर के करीब 1250 जल स्त्रोत री-चार्ज होते हैं। सीवन नदी के कायाकल्प और जीर्णोद्धार की योजना कई बार बनाई गई हैं, लेकिन अभी तक इस पर विशेष काम नहीं हो सका है। चार साल पहले बनाई गई नगर पालिका की योजना के अनुरूप सीवन और बांस बाड़े को व्यवस्थित कर प्राचीन धरोहरों को सहेजना था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं किया गया है। सीवन की स्थिति बहुत खराब है। सीवन नदी में पानी कम और जलकुंभी ज्यादा है। सीवन के महिला और पुरुष घाटों से कचरा और फूल माला भी डाली जा रही हैं।