फैक्ट फाइल (संख्या लाखों में)
- 3.17 केन्द्रीय दफ्तरों का बकाया
- 761.90 जलदाय विभाग का शेष
- 101.40 पंचायत में कनेक्शनों के
- 7.54 जिला प्रशासन ऑफिस के
- 11.11 लाख पुलिस का चल रहा
- 1185.56 लाख नगरीय निकायों
- 28.72 लाख अन्य का बकाया
सार्वजनिक लाईटों का सर्वाधिक बकाया
जिले में राजसमंद में नगर परिषद, नाथद्वारा में नगर पालिका, देवगढ़ में नगर पालिका और आमेट में नगर पालिका के 1185.56 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। आमजन को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रोड लाईटें और सार्वजनिक स्थानों पर लाईटों के बिल का भुगतान स्थानीय निकायों को करना होता है। जानकारों की मानें तो सर्वाधिक राशि राजसमंद नगर परिषद की करीब 8 करोड़ के अधिक की बताई जा रही है। इसमें से अधिकांश बकाया रोड लाइटों का है। नगरीय निकायों की ओर से रोड लाइटों का बिल प्रतिवर्ष समय पर जमा नहीं कराया जाता है। इससे निगम की मुश्किल भी बढ़ती है।
निगम का दोहरा रवैय्या, सख्ती की आवश्यकता
आम उपभोक्ताओं का एक-दो माह का बिजली का बिल बकाया होते ही निगम की टीम बिजली का कनेक्शन काट देती है, जबकि सरकारी विभागों का कई माह से तो कुछ विभागों का कई वर्षो से बिजली का बिल लाखों रुपए बकाया चल रहा है। बार-बार नोटिस देने के के बाद भी बकाया जमा नहीं कराया जा रहा है, इसके बावजूद कनेक्शन विच्छेद नहीं किया जाना निगम के इंजीनियरों का दोहरा रवैय्या दर्शाता है। निगम को सख्ती करने की आवश्यकता है।
बकाया जमा कराने के लिए दिए नोटिस
जिले के सरकारी विभागों के बिजली के बिल के रूप में 2099.39 लाख रुपए से अधिक बकाया चल रहे है। बिल जमा कराने के लिए कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं। अब बिल जमा नहीं कराने वाले विभागों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। - भवानी शंकर शर्मा, एसई विद्युत भवन राजसमंद