ब्रास से आती खुशबू, पैकिंग में भी सुधार
महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से तैयार की जा रही हर्बल गुलाल में समय-समय पर कई बदलाव कर क्वालिटी में सुधार किया गया है। पहले खुशबू कम आती थी। ऐसे में इसमेें प्राकृति रूप से खुशबू बढ़ाने के लिए ब्रास का उपयोग किया जाता है। इसकी पैकिंग सामान्य होती थी, जिसे भी अब आकर्षक और आधुनिक बनाया गया है। इसके साथ ही पहले यह सिर्फ हरा, गुलाबी और पीला रंग का गुलाल बनाते थे। अब हल्का पीला गुलाल जिसे मैरी गोल्ड के नाम से जाना जाता है वह भी बनाने लगे हैं।यूं हुआ सफर का शुभारंभ
सन् उत्पादन मूल्य2022 1700 5.10 लाख
2023 2100 6.30 लाख
2024 2800 6.90 लाख
2025 3000 13.5 लाख प्रस्तावित
नोट उत्पादन किलो में और मूल्य लाखों में है।
इनसे तैयार होती हर्बल गुलाल
हरा गुलाल : सीताफल की पत्तियां, नीम की पत्तियां और अरारोठ सेपीला गुलाल : हजारा के फूल, पत्तियों और अरारोठ से
गुलाबी गुलाल : अरारोठ, चेती गुलाब और चकुंदर से
हल्का पीला : पलाश के फूल, संतरा और उसके छिलके से