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Susashan Tihar: सुशासन तिहार बना वरदान, एक दिन में मिला जाति प्रमाण पत्र ज्ञापन सौंपने वाले ग्रामीण व शिवसेना के विधानसभा अध्यक्ष मुकेश कुमार साहू ने बताया कि 2015 में खदान की लीज समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी खदान में लगातार पत्थर तोड़ने का काम चल रहा, जिससे यह खाई में तब्दील हो गई है। खदान में एकत्रित होने वाले पानी को मोटर पंप लगाकर लगातार खींचा जा रहा है, इससे गांव में भू-जल स्तर बहुत नीचे चले गया है, जिससे कि पेयजल के लिए उपयोग में लाए जाने वाले बोर और बोरिंग से पानी नहीं निकल रहा और गांव में पेयजल की विकराल समस्या खड़ी हो गई है। आवेदन देने वालाें में गांव के संतोष कुमार साहू व जसवंत साहू भी शामिल हैं।
खदान में बारुद लगाकर ब्लास्ट करने की वजह से घरों में दरारें पड़ चुकी है।
ब्लास्ट होने से पूरा गांव दहल जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि भूकंप जैसे झटके महसूस होते हैं। खदान की गहराई बहुत अधिक होने के कारण भू-जल स्तर पर भी असर पड़ा है। खदान की गहराई अधिक होने के कारण पूरा पानी वहीं एकत्रित हो जाता है। इस वजह से उससे कम गहराई वाले गांव के सारे बोर व हैंडपंप फेल हो चुके हैं।
खजिन विभाग के अफसरों की माने तो खदान संचालन को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। कोर्ट ने जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक खदान बंद नहीं करने का आदेश जारी किया है। इस पर ग्रामीणों का कहना है कि कोर्ट ने पत्थर तोड़कर गिट्टी बनाने की प्रक्रिया को बंद नहीं करने कहा है, लेकिन खदान में पत्थर तोड़ने की अनुमति नहीं है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से नियम विपरीत संचालित खदान को बंद कराने ध्यान नहीं दिया जा रहा।
ग्राम राजा भानपुरी में संचालित खदान का मामला कोर्ट में लंबित है। फैसला आ जाने तक खदान बंद नहीं करने का आदेश है। इस वजह से दिक्कत आ रही है। – प्रवीण चंद्राकर, जिला खनिज अधिकारी, राजनांदगांव