जांच की रिपोर्ट में क्या निकला, कोई खुलासा नहीं
पिछले पांच सालों तक भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट सिटी कंपनी के कामों और तरीकों में भ्रष्टाचार होने के मुद्दे को खूब उछालते रहे। हैरानी ये कि उनकी शिकायतों पर केंद्रीय टीम जांच करने आई, परंतु आज तक उस जांच की रिपोर्ट में क्या निकला, कोई खुलासा नहीं हुआ न ही सार्वजनिक की गई। वहीं महापौर की उम्मीदवारों की दौरान मीनल चौबे ने स्मार्ट सिटी कंपनी के कामों में भ्रष्टाचार को दोहराया, लेकिन प्रोजेक्टवार फाइल आज तक नहीं खुली न ही ऐसे मामलों की जांच कराने के लिए किसी तरह की कमेटी गठित करने का ही प्रक्रिया सामने आई।स्मार्ट सिटी कंपनी के ऐसे प्रोजेक्ट्स चौंकाने वाले
इंफ्रास्ट्रक्चर वाले बड़े कामों को छोडक़र स्मार्ट सिटी के ज्यादातर डेढ़ करोड़, दो करोड़, तीन करोड़ वाले किसी काम का फायदा शहर के आम लोगों को मिल ही नहीं पाया। ज्यादातर ऐसे प्रोजेक्ट्स थे, जिसके संचालन की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वे खत्म हो गए। जानिए ऐसे कई प्रोजेक्ट चौंकाने वाले हैं।1.42 करोड़ का हेल्दी हार्ट ट्रैक किसी काम का नहीं
सप्रे शाला मैदान में 500 मीटर लंबा हेल्दी हार्ट ट्रैक बनाया गया। इस पर करीब 1.42 करोड़ खर्च किए गए। हेल्दी हार्ट ट्रैक बनाते समय यह तर्क दिया गया कि ऐसा ट्रैक जिससे बुजुर्गों के लिए एक्सरसाइज करने, वाकिंग व रनिंग करने में घुटनों पर ज्यादा दबाव न नहीं प?ेगा। 1.42 करो? खर्च करने के बाद पेवर ब्लॉक निकाल दिए और दोबारा सौंदर्यीकरण पर 2.50 करो? खर्च करने का हिसाब-किताब बना डाला।कई स्मार्ट टायलेट बंद, शहीद स्मारक चौपाटी के 3 करोड़ बर्बाद
आधा दर्जन एसी बस स्टाप बनाए गए। बसें बंद हो गईं। बस स्टॉप पर दुकानें लग गईं या फिर बेसहारों का अड्डा बन गया। इसी तरह स्मार्ट टायलेट बंद पड़े हैं। बनाने के बाद इनके संचालन की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। शहीद स्मारक की करीब 50 हजार वर्गफीट छत पर चौपाटी शुरू करने के लिए करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए। 2018 में पूरी छत पर टाइल्स लगाई गई। ग्रीन कारपेट बिछाया गया। वह टूटने और उखडऩे लगा, लेकिन आज तक ये शुरू नहीं हो पाया।40 लाख की नेकी की दीवार जली
स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहरभर में अलग-अलग जगहों पर नेकी की दीवार बनाई। इसके खर्च सुनकर सिविल इंजीनियर भी जाएंगे। अनुपम गार्डन में नेकी की दीवार पर करीब 40 लाख रुपए खर्च किए गए। फाइबर की यह दीवार कुछ साल पहले जलकर नष्ट हो गई। सीएम हाउस के पास भी ऐसी दीवार बनाई गई थी। वह भी जल गई। जानकारों का कहना है कि ईंट-सीमेंट की दीवार बनाते और उसको डेकोरेट करते तो इतना खर्च नहीं आता।उच्च स्तरीय जांच होने से उठेगा पर्दा : अधिवक्ता तनवानी
कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार को लेकर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई से कोहराम मचा हुआ है। इसी कड़ी में पिछली कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर शहर के अधिवक्ता विवेक तनवानी ने भी स्मार्ट सिटी के कामों की जांच कराने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने जब स्मार्ट सिटी कंपनी की जिम्मेदारों से झीरम घाटी में शहीदों की स्मृति में बने शहीद प. विद्याचरण शुक्ल चौक के निर्माण की जानकारी सूचना के अधिकार में प्राप्त किया तो चौंकाने वाला जवाब दिया गया। शहीद प. विद्याचरण शुक्ल चौक निर्माण में कुल 30 लाख 29 हजार खर्च हुआ है। ये काम एम.एस.कंस्ट्रक्शन निर्माण एजेंसी से कराया है। अधिवक्ता तनवानी ने अपनी शिकायत में इतनी मोटी रकम में ऐसा कोई काम नहीं होने का सवाल उठाया है। उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की है।सभी की जांच कराई जाएगी
पिछली कांग्रेस महापौर परिषद में सबसे अधिक भ्रष्टाचार स्मार्ट सिटी कंपनी के कामों में हुआ है। उन सभी की जांच कराई जाएगी। सभी फाइलें खोलने का निर्णय लिया है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।मीनल चौबे, महापौर
भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं
ओसीएम चौक को तोडक़र नए सिरे से निर्माण कराया गया है। साइनिंग नेम प्लेट समेत चौक सौंदर्यीकरण के तहत स्मार्ट लाइटों के पोल भी शामिल हैं। पूरे काम में 30 लाख 29 हजार खर्च की जानकारी दी गई है। भ्रष्टाचार जैसी कोई बात नहीं है।योगेश साहू, उपमहाप्रबंधक तकनीकी, स्मार्ट सिटी कंपनी