स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर
साय ने सौर ऊर्जा से संचालित ई रिक्शा का लोकार्पण करते कहा कि इस पहल से ई-रिक्शा चालकों की आय में वृद्धि होगी। रामनवमी की शुभ घड़ी में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कामों की शुरुआत हुई है। अक्षय ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा। बिजली आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नए लक्ष्य तय किए गए हैं। इन्हें पूरा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री केदार कश्यप, मंत्री रामविचार नेताम, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक अनुज शर्मा, विधायक संपत अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, क्रेडा के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ी पहल: रमन
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया स्वच्छ पर्यावरण के लिए अक्षय ऊर्जा को अपना रही है। अब फॉसिल फ्यूल का उपयोग धीरे-धीरे कम होगा और नवीकरणीय ऊर्जा से रिप्लेस हो जाएगा।इन प्रमुख कामों का हुआ भूमिपूजन व लोकार्पण
- रायपुर में 29 लाख की लागत से सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन, सामान्य ई रिक्शा को सोलर ई-रिक्शा में परिवर्तित करना।
- नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत स्थापित 54 नग सोलर हाई मास्ट, 152 नग सोलर ड्यूल पंप एवं दो नग सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम।
- बिलासपुर, राजनांदगांव एवं जगदलपुर के ऊर्जा शिक्षा उद्यानों में सौर ऊर्जा से संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापना का भूमिपूजन।
- बालोद जिला में दो नग सोलर हाई मास्ट एवं एक नग सामुदायिक बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य।
- बलौदाबाजार जिला में 23 ग्रामों के पर्यटन स्थलों में 50 नग सोलर हाई मास्ट संयंत्र का स्थापना का कार्य।
- हिर्री डोलोमाइट खदान जिला बिलासपुर में 500 किलो वाट क्षमता के ऑन ग्रिड सोलर पावर प्लांट का स्थापना कार्य।
- ग्राम कुंजारा जिला जशपुर में 280 किलो वाट क्षमता के ऑन ग्रिड एवं 2.4 किलो वाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट की स्थापना कार्य का भूमिपूजन।
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन से होगा फायदा :
क्रेडा सीईओ राजेश सिंह राणा ने बताया कि सौर संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन क्रेडा द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बैटरी ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक रिक्शा के लिए विकसित किया गया है। बैटरी स्वैपिंग के मदद से ई-रिक्शा चालक कम समय में सस्ते दर पर डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं। इससे ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन अधिक दूरी तय कर पाएंगे ।
ऐसे समझें फायदा
1- बिजली से ही बैटरी चार्ज कर सकते हैं। / – सौर ऊर्जा से अन्य सोर्स से बैटरी स्वैप कर सकते हैं।2- लेड एसिड तकनीक आधारित बैटरी की वारंटी औसतन एक साल रहती है। / – लिथिमय ऑयन बैटरी की वारंटी औसतन 2 वर्ष दी जा रही है।
3- चार नग लेड एसिड बैटरी का वजन 120 किलो /- दो नग लिथिमय ऑयन बैटरी का वजन 36 किलो
4- पुराने हो चुके लेड एसिड बैटरी से ई-रिक्शा लगभग 70 किमी चलते हैं, चार्जिंग में सालाना लगभग 17 हजार रुपए खर्च । /- लिथिमय ऑयन बैटरी से ई-रिक्शा औसतन 97 किमी चलते हैं, चार्जिंग में सालाना लगभग 16 हजार रुपए खर्च।
5- इससे मासिक आय लगभग 16 हजार 800 रुपए होती है। /- मासिक आय लगभग 23 हजार 280 रुपए तक हो सकती है।