अब चर्चा है कि एक सप्ताह में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया तो ठीक नहीं है, नहीं जून तक के लिए टल जाएगा। क्योंकि साय सरकार का सुशासन त्योहार शुरू हो गया है। इसमें मंत्री से लेकर भाजपा के पदाधिकारी और विभागों के आला अधिकारी से लेकर नीचे स्तर के कर्मचारी तक व्यस्त रहेंगे।
मुख्यमंत्री खुद चौपाल लगाकर सुनेंगे समस्याएं
सुशासन त्योहार में फिलहाल लोगों से समस्याओं और मांगों के आवेदन लिए जा रहे हैं। इसके बाद एक माह में आवेदनों का निराकरण करेंगे। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शिविर लगाकर 10 से 15 गांवों के लोगों की एक साथ समस्याएं और मांगें सुनेंगे। इस दौरान मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। ऐसे में फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना कम दिख रही है। …तो जून तक बरकरार रहेगी कुर्सी
यदि
मंत्रिमंडल का विस्तार जून तक के लिए टल जाएगा, तो जिन मंत्रियों की कुर्सी दांव पर लगी थी, वे जून तक सुरक्षित रहेगी। क्योंकि मंत्रिमंडल के विस्तार में ऐसे मंत्रियों को हटाने की चर्चा है कि जिनका परफार्मेंस ठीक नहीं है। विधानसभा में जो लोग अपने विभागों से संबंधित सवालों के जवाब ठीक नहीं दे पाएं, विपक्ष के सवालों से घिरते रहे।
हरियाणा फॉर्मूला अपना सकती है छत्तीसगढ़
चर्चा थी कि 9 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के रायपुर दौरे के दौरान ही साय सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बताया जाता है कि दिल्ली के शीर्ष नेतृत्व से ही हरी झंडी नहीं मिली है। इस कारण से मामला लटक गया है। दिल्ली से फिलहाल यही इशारा मिला है कि
छत्तीसगढ़ में अगले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 1 सीएम और 13 मंत्रियों की टीम रहेगी।
अब तक छत्तीसगढ़ में विधायकों की कुल संया से 15 प्रतिशत के आधार पर एक सीएम तथा 12 मंत्री ही रखे जाते थे। हरियाणा में 90 सीटें हैं, लेकिन वहां सीएम को मिलाकर 14 मंत्रियों ने शपथ ली है। भाजपा वही फार्मूला अब छत्तीसगढ़ में भी अपनाने जा रही है।