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किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 20 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 20 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

जयपुरMar 08, 2025 / 11:23 am

sangita chaturvedi

किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 20 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 20 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

परिवार परिशिष्ट (26 फरवरी 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 20 में भेजी गई कहानियों में शिवानी सालवी, जय नंदनी राठौड़ और वेदांश दुबे क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे। इनके साथ सराहनीय कहानियां भी दी जा रही हैं।
शेर की सवारी और हाथी की चालाकी
एक घने जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था, जो खुद को जंगल का राजा मानता था। सभी जानवर उससे डरते थे और उसकी आज्ञा का पालन करते थे। लेकिन शेर केवल जंगल का राजा होने से संतुष्ट नहीं था, उसे अपनी ताकत का प्रदर्शन करना पसंद था। एक दिन उसने सोचा, आज मैं किसी जानवर की सवारी करूंगा और जब भूख लगेगी, तो उसे मारकर खा जाऊंगा! शेर ने जंगल के सबसे मजबूत जानवर की तलाश शुरू की और उसकी नजर विशालकाय हाथी पर पड़ी। लेकिन तभी एक दूसरा विचार उसके दिमाग में आया, हाथी बहुत ताकतवर होता है, अगर उसने विरोध किया तो मुझे नुकसान हो सकता है। शेर ने एक चाल चली। उसने जंगल के बीच एक मजबूत कैदखाना बनवाया और किसी बहाने से हाथी को उसमें बंद कर दिया। उसने कई दिनों तक हाथी को भूखा-प्यासा रखा, ताकि वह कमजोर हो जाए और फिर उसके लिए आसान शिकार बन सके। धीरे-धीरे हाथी कमजोर होने लगा और चलने-फिरने की ताकत भी खोने लगा। हाथी के दोस्तों को जब यह पता चला कि उनका साथी शेर की कैद में भूखा-प्यासा पड़ा है, तो वे बहुत चिंतित हो गए।
वे जानते थे कि अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया, तो उनका दोस्त शेर का शिकार बन जाएगा। एक रात, जब शेर गहरी नींद में सो रहा था, हाथी के दोस्त चुपके से कैदखाने पहुंचे। उन्होंने अपने दोस्त का हाल जाना और उसे सांत्वना दी। फिर उन्होंने एक योजना बनाई, जिससे न केवल उनका दोस्त बच सके, बल्कि शेर को भी सबक भी मिले। दो दिन बाद शेर को लगा कि अब हाथी पूरी तरह से कमजोर हो चुका है। उसने आदेश दिया कि हाथी को बाहर निकाला जाए। फिर उसने उसकी पीठ पर एक सुंदर सिंहासन रखवाया और गर्व से उस पर बैठ गया। कमजोर हाथी किसी तरह आगे बढ़ा, लेकिन उसे पता था कि आगे उसके दोस्त उसका इंतजार कर रहे हैं। योजनानुसार जैसे ही हाथी जंगल में चला, उसके दोस्तों ने अपनी सूंड में पानी भरकर शेर पर डालना शुरू कर दिया। शेर गुस्से में चीखने लगा, लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत थी। कुछ हाथियों ने बार-बार रास्ता रोककर शेर को और ज्यादा परेशान किया। कुछ ने बड़े-बड़े पेड़ गिराकर रास्ता बंद कर दिया, जिससे शेर और ज्यादा गुस्से में आ गया। आखिरकार, जब शेर सिंहासन से उतरा और अपने पंजे फैलाकर हाथियों को डराने की कोशिश करने लगा, तभी हाथियों ने अपनी सूंड में भरा कीचड़ और गंदा पानी उसकी आंखों में डाल दिया। अब शेर को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वह अंधाधुंध इधर-उधर भागने लगा। तभी हाथियों ने उसे घेर लिया और उसे धक्का देकर एक गहरी गुफा में बंद कर दिया। कुछ दिनों तक शेर उस अंधेरी गुफा में बंद रहा। उसे अहसास हुआ कि भूख क्या होती है और कैद में रहना कितना मुश्किल होता है। वह सोचने लगा कि उसने हाथी के साथ जो किया, वह कितना गलत था। फिर कुछ दिनों बाद, हाथियों ने गुफा का दरवाजा खोला और शेर को बाहर निकाला। उन्होंने कहा, हमने तुम्हें वही दर्द दिया है, जो तुमने हमारे दोस्त को दिया था। अब तुम समझ गए होंगे कि भूखा रहना और कैद में रहना कितना कष्टदायक होता है। शेर ने सिर झुकाकर अपनी गलती स्वीकार की और कहा, मुझे माफ कर दो। मैंने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। अब से मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा और जंगल में सभी के साथ मिलकर रहूंगा। हाथी का दिल पिघल गया और उसने अपने दोस्तों से कहा, अब इसे और सजा मत दो। इसने अपनी गलती मान ली है। जंगल के सभी जानवरों ने शेर को फिर से राजा बना दिया, लेकिन अब वह पहले जैसा क्रूर नहीं रहा। उसने अपनी शक्ति का इस्तेमाल न्याय और शांति बनाए रखने के लिए किया। कहानी से सीख मिलती है कि अहंकार और अत्याचार का अंत बुरा होता है। मित्रता और एकता से किसी भी संकट का समाधान किया जा सकता है। शक्ति का सही उपयोग ही एक सच्चे राजा की पहचान होती है।
शिवानी सालवी, उम्र -11 वर्ष
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अनोखी मित्रता
बांधवगढ़ के हरे-भरे जंगलों में गजराज नाम का एक विशाल हाथी रहता था, जिसके हाथीदांत चमकीले मोतियों की तरह थे। गजराज अपनी शांत स्वभाव और जंगल के रास्तों पर घूमते हुए वहां रहने वाले विभिन्न जीवों को देखने के लिए जाना जाता था। एक धूप वाली सुबह, जब गजराज एक परिचित रास्ते पर चल रहा था, तो उसे एक शोर सुनाई दिया। वह रुका और देखा कि एक छोटा, डरा हुआ शेर का बच्चा कांटों की झाड़ी में फंसा हुआ है। शेर का बच्चा, जिसका नाम शेरू था, सिसक रहा था और उसके सुनहरे बाल नुकीले कांटों में उलझे हुए थे।
गजराज ने अपनी अपार शक्ति से सावधानीपूर्वक झाड़ी को हिलाया और बच्चे को मुक्त कर दिया। शेरू, आभारी और राहत महसूस करते हुए, विशाल हाथी की ओर बड़ी, मासूम आंखों से देखा। वह पहले कभी हाथी के इतने करीब नहीं गया था। गजराज, बच्चे की भेद्यता से प्रभावित होकर, शेरू को अपनी चौड़ी पीठ पर सवारी करने की पेशकश की। शेरू, पहले झिझकते हुए, सावधानी से उस अस्थायी काठी पर चढ़ गया जो गजराज के रखवाले ने आपूर्ति ले जाने के लिए रखी थी। जैसे ही वे जंगल से गुजरे, एक अनोखी दोस्ती खिल उठी। शेरू, गजराज की पीठ पर ऊंचाई पर बैठा, सुरक्षित महसूस कर रहा था और जंगल के मनोरम दृश्य का आनंद ले रहा था। उनकी असामान्य दोस्ती की खबर पूरे जंगल में फैल गई। ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया था। उनकी दोस्ती सद्भाव का प्रतीक बन गई।
जय नंदनी राठौड़, उम्र-10वर्ष
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शक्ति का प्रयोग सोच-समझकर करें
एक जंगल में हाथी और शेर रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे किंतु शेर बहुत घमंडी था। वह अन्य जानवरों को परेशान करता था और किसी की एक नहीं सुनता था। उनका शिकार करता और उन्हें मार कर खा जाता था। उसका आतंक बढ़ता ही जा रहा था। सभी जानवर उससे बहुत परेशान हो गए थे। हाथी ने शेर को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शेर नहीं माना। शेर ने कहा मैं इस जंगल का सबसे शक्तिशाली प्राणी हूं, मैं राजा हूं यहां का। मैं किसी से नहीं डरता हूं। मैं जो कहूंगा यहां पर वही होगा। और हाथी से दोस्ती तोड़ ली, हाथी को वहां से भगा दिया। शेर का अत्याचार दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा था। एक दिन सभी जानवर मिलकर हाथी के पास गए और हाथी से कहा शेर का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। जंगल के सभी जानवरों को मार कर खाता जा रहा है, यदि इसी प्रकार चलता रहा तो इस जंगल में कोई नहीं बचेगा। इस शेर से हमें बचाने का कोई प्रयास करें।
हाथी ने सोचा कि शेर को सबक सिखाना चाहिए। परंतु हाथी ने सोचा कि शेर मेरा पुराना दोस्त है इसलिए उसको एक बार और समझाने का प्रयास करना चाहिए। यदि वह नहीं माना तो फिर उसको सबक सिखाना ठीक रहेगा। हाथी अन्य जानवरों के साथ एक बार फिर शेर से बात करने के लिए गया। और शेर से कहा कि हम आपसे निवेदन करना चाहते हैं कि आप इस जंगल की जानवरों का व्यर्थ में ही शिकार ना करें लेकिन शेर गुस्सा हो गया और हाथी से कहा कि मैं इस जंगल का राजा हूं मैं तेरे ऊपर बैठकर तेरी सवारी करूंगा और मैं जंगल में ऐसे ही शिकार करूंगा। हाथी ने कहा यह तो गलत बात है यह सुनकर शेर को गुस्सा आ गया और शेर ने हाथी पर आक्रमण कर दिया । शेर और हाथी में घमासान युद्ध होने लगा। हाथी ने शेर को अपनी सूंड से उठाकर धरती पर फेंक दिया। और शेर से कहा अब मेरे ऊपर बैठकर सवारी करेगा, ऐसा कहकर शेर को अपनी पीठ पर बैठा लिया। अब शेर बहुत डर गया था। मैं इस जंगल को छोड़कर चला जाऊंगा। मुझे अपनी पीठ पर से उतार दो। ऐसा कहते हुए वह बहुत डर रहा था। हाथी ने शेर को अपनी पीठ पर से नीचे उतारा और कहा। इस जंगल को छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है। सभी जानवर मिलकर रहो। अब तुम किसी भी जानवर को परेशान मत करना। शेर ने सभी से माफी मांगी और कहा कि मैं किसी जानवर को परेशान नहीं करूंगा। मैं अपनी गलती पर शर्मिंदा हूं। सभी जानवरों ने शेर को माफ कर दिया। सभी मिलकर रहने लगे। हाथी और शेर फिर से अच्छे दोस्त बन गए। सीख- हमें अपनी शक्ति का प्रयोग कमजोर लोगों पर नहीं करना चाहिए।
वेदांश दुबे,उम्र-9वर्ष
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घमंडी का सिर नीचा
एक बार एक जंगल था। जंगल का राजा शेर बहुत ही घमंडी था। सारे जानवर उससे परेशान थे। उस जंगल में भोलू नाम का एक हाथी रहता था। वह सारे जानवरों की मदद करता था। सभी जानवर उसे पसंद करते थे। एक दिन सब भोलू के पास अपनी परेशानी लेकर पहुंचे। भोलू ने अपने साथियों की सहायता करने के लिए शेर को सबक सिखाने की ठान ली। वह शेर के पास गया और बोला, महाराज आप बहुत शक्तिशाली हैं। जंगल के राजा होने के नाते मैं आपको अपनी पीठ पर जंगल की सैर करना चाहता हूं। शेर यह सुनकर खुश हो गया और तुरंत अपना सिंहासन लेकर हाथी की पीठ पर सवार हो गया।
भोलू की पीठ पर बैठने के बाद जब उसने नीचे देखा तो वह ऊंचाई से सहम गया। लेकिन उसने अपनी प्रतिष्ठा के कारण जाहिर नहीं होने दिया। अब भोलू ने जोर से दौड़ लगाना शुरू किया। शेर बहुत ज्यादा डर गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। जंगल के सारे जानवर यह देखकर हंसने लगे। शेर भोलू से रुकने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। भोलू ने शेर से कहा कि तुम भी तो जानवरों को परेशान करते हो। शेर ने अबसे किसी को भी परेशान नहीं करने का वादा किया। इस पर भोलू रुक गया और शेर को नीचे उतार दिया। शेर ने सभी जानवरों से माफी मांगी और फिर कभी उसने किसी को परेशान नहीं किया। शिक्षा- हमें अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए।
भाविका गौड़, उम्र- 7 वर्ष
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शेर को सबक
एक बार की बात है, जंगल में एक शेर राज करता था। वह बहुत शक्तिशाली था, लेकिन घमंडी भी था। उसने जंगल के सभी जानवरों को डराकर रखा था। शेर को लगता था कि वह सबसे ताकतवर है और कोई उससे मुकाबला नहीं कर सकता। एक दिन, उसने एक हाथी को अपने दरबार में बुलाया और कहा, तुम इतने बड़े हो, लेकिन क्या तुम मेरी तरह जंगल के राजा बनने की हिम्मत रखते हो? हाथी ने विनम्रता से उत्तर दिया, महाराज, मैं जंगल का राजा बनने की इच्छा नहीं रखता। मैं बस शांति से रहना चाहता हूं। लेकिन शेर को हाथी की यह बात अच्छी नहीं लगी। उसने सोचा कि हाथी उससे डरता नहीं है, इसलिए उसे सबक सिखाना चाहिए। शेर ने हाथी को एक चुनौती दी, अगर तुम वाकई इतने ताकतवर हो, तो मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर जंगल में घुमाओ! हाथी ने सोचा कि शेर को उसकी गलती का एहसास करवाना चाहिए।
उसने शेर को अपनी पीठ पर बैठने दिया और धीरे-धीरे चलने लगा। लेकिन जैसे ही हाथी ने अपनी चाल तेज की, शेर घबराने लगा। उसने खुद को संतुलित करने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह कांपने लगा। हाथी ने और तेज दौडऩा शुरू कर दिया, जिससे शेर की हालत खराब हो गई। अब शेर को समझ आ गया कि सिर्फ गरजने से कोई बड़ा नहीं बनता, बल्कि धैर्य और शक्ति का सही इस्तेमाल करने से ही सच्ची ताकत का परिचय मिलता है। उसने हाथी से माफी मांगी और वादा किया कि वह अब किसी को डराने की कोशिश नहीं करेगा। इस तरह हाथी ने अपनी बुद्धिमत्ता से शेर को उसकी भूल का एहसास करवाया और जंगल में शांति स्थापित हुई।
एलिना बरोला, उम्र-8वर्ष
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अभिमान का नुकसान
एक घने जंगल में एक अभिमानी शेर रहता था। वह खुद को जंगल का राजा मानता था और सभी जानवरों को खुद से कमजोर समझता था। एक दिन उसने हाथी से कहा, मैं जंगल का राजा हूं, तुम मेरी सेवा करो! हाथी ने विनम्रता से उत्तर दिया, राजा होने का मतलब है कि तुम सभी का भला सोचो, ना कि डर फैलाओ। पर शेर को यह बात पसंद नहीं आई और उसने हाथी को अपना आदेश मानने के लिए मजबूर किया। शेर ने हाथी की पीठ पर बैठने की ठानी। जैसे ही हाथी ने चलना शुरू किया, शेर खुद को संभाल नहीं पाया।
हाथी ने अपनी सूंड ऊंची की और जोर से चिंघाड़ा, जिससे शेर डरकर कांपने लगा। हाथी ने कुछ दूर जाकर अपनी पीठ हिलाई, जिससे शेर धड़ाम से जमीन पर गिर गया। शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने हाथी से माफी मांगी और कहा, अब मैं समझ गया कि सच्चा राजा वही होता है, जो दूसरों की इज्जत करता है और सभी को समान समझता है। उस दिन के बाद, शेर ने अपने अभिमान को त्याग दिया और जंगल में सबके साथ प्रेम से रहने लगा। सीख-अभिमान हमेशा नुकसान ही पहुंचाता है। सच्चा नेता वही होता है ।
आस्था, उम्र-11वर्ष
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शक्ति का दुरुपयोग न करें
जंगल में एक शेर था, जो खुद को सबसे शक्तिशाली समझता था। वह बाकी जानवरों पर अपनी ताकत का रौब झाड़ता और उन्हें डराकर अपना काम करवाता। एक दिन उसने जंगल के सबसे बड़े और समझदार हाथी से कहा, तू मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर जंगल की सैर करा, क्योंकि मैं जंगल का राजा हूं! हाथी समझदार था। उसने सोचा कि शेर को उसकी गलती का एहसास कराना जरूरी है। उसने शेर को एक ऊंची और कमजोर कुर्सी पर बैठा दिया और फिर तेज दौडऩे लगा। शेर कुर्सी पर बैठकर डर गया और इधर-उधर हिलने लगा।
हाथी कभी उछलता, कभी दौड़ता और कभी अपनी सूंड हिलाकर जोर-जोर से चिल्लाने लगता। शेर घबरा गया और डर के मारे चिल्लाने लगा, हाथी भाई, धीरे चलो! मैं गिर जाऊंगा! लेकिन हाथी नहीं रुका। थोड़ी देर बाद, शेर की हालत खराब हो गई और वह जमीन पर गिर पड़ा। उसने डरते हुए कहा, मुझे माफ कर दो, हाथी भाई! मैं अब कभी किसी पर रौब नहीं जमाऊंगा और सबको समान समझूंगा! हाथी मुस्कुराया और बोला, यही तो मैं तुम्हें सिखाना चाहता था। शक्ति का सही उपयोग तभी होता है, जब उसका दूसरों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाए, न कि उन्हें डराने के लिए! उस दिन के बाद से शेर ने अपने अहंकार को त्याग दिया और सभी जानवरों के साथ प्यार से रहने लगा। शिक्षा-शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे सही दिशा में लगाना चाहिए।
पर्णवी अग्रवाल,उम्र-9वर्ष
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समस्या का समाधान
हाथी अपने विशाल शरीर और ताकत के लिए जाना जाता था, जबकि शेर अपनी शेरनी और साहस के लिए प्रसिद्ध था। एक दिन जंगल में सूखा पड़ा और पानी की बहुत कमी हो गई। हाथी और शेर दोनों ही प्यासे थे, लेकिन पानी पीने के लिए उन्हें एक ही स्रोत की ओर जाना पड़ा। जब दोनों एक साथ उस स्रोत के पास पहुंचे, तो शेर ने हाथी से कहा, मैं जंगल का राजा हूं। मुझे पानी पीने का अधिकार है। हाथी ने शेर की बात पर ध्यान दिया और कहा, तुम राजा हो, लेकिन हम दोनों ही प्यासे हैं। हमें साथ में पानी पीना चाहिए। शेर ने हाथी की बात पर ध्यान नहीं दिया और पानी पीने की कोशिश की, लेकिन हाथी ने उसे रोक दिया। हाथी ने कहा, हम दोनों ही प्यासे हैं।
मुझे भी पानी की जरूरत है। इस झगड़े को देख कर एक बुद्धिमान खरगोश पास आया। उसने शेर और हाथी से कहा, तुम दोनों का झगड़ा बेकार है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। क्यों न तुम दोनों साथ साथ पानी पी लो। शेर ने सोचा कि यह एक अच्छा समझौता हो सकता है और हाथी ने भी इसे स्वीकार कर लिया। इस तरह शेर और हाथी ने मिलकर अपनी प्यास बुझाई और झगड़े को समाप्त किया। वे दोनों समझ गए कि एकता और समझौते से ही समस्याओं का समाधान हो सकता है।
हार्दिक राठौड़, उम्र-13वर्ष
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जंगल की लड़ाई
एक बार की बात है एक जंगल में एक शेर रहता था। उसका नाम शेर सिंह था। वह जंगल का राजा था। वह हमेशा सबसे हंस खेल कर बात करता था। वह बहुत अच्छा था किसी को भी दुखी नहीं देखना चाहता था। वह दूसरों को खुश देखना चाहता था। वह किसी भी जानवर का शिकार नहीं करता था।
एक बार की बात है किसी ने यह अफवाह फैला दी कि जंगल में बाढ़ आने वाली है। सभी जानवरों ने यह बात शेर सिंह को बताई। बाद में पता चला कि यह एक अफवाह है। तभी एक चीता दौड़ कर आया और कहा कि यह अफवाह दूसरे जंगल के जानवरों ने फैलाई है। सभी जानवर डरने लगे। शेर सिंह ने सभी जानवरों को यह आश्वासन दिया कि कोई न डरे। शेर सिंह ने यह योजना बनाई कि सभी कमजोर जानवर अपने-अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच जाएंगे और जो ताकतवर जानवर है जैसे हाथी चीता बाघ आदि जानवर उनके साथ जंग के लिए जाएंगे। शेर सिंह खुद हाथी पर सवार होकर गया। दूसरे जंगल के राजा से लड़ा और जीत गया। सभी जानवर खुश हो गए। शिक्षा यह मिलती है कि अफवाह से डरना नहीं चाहिए।
चिराग जाजोरिया, उम्र-13वर्ष
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शक्ति के लिए संयम जरूरी
एक समय की बात है। एक जंगल में एक हाथी और एक शेर रहते थे। एक दिन शेर को हाथी पर अपनी ताकत दिखाने का मन हुआ। वह हाथी के पास गया और उसकी पीठ पर बैठने की मांग की। हाथी समझ गया कि शेर अपनी ताकत दिखाना चाहता है, लेकिन उसने बिना विरोध किए शेर को अपनी पीठ पर चढऩे दिया। शेर बहुत गर्व से हाथी की पीठ पर बैठ गया, लेकिन उसे जल्द ही एहसास हुआ कि हाथी बहुत बड़ा और मजबूत है।
शेर ने सोचा कि वह हाथी पर बैठ कर उसे डराने और शिकार करने की कोशिश करेगा। हालांकि हाथी शांत था और उसने शेर को कोई तवज्जो नहीं दी। थोड़ी देर बाद, शेर को यह समझ में आ गया कि हाथी अपनी ताकत को बिना किसी हंगामे के दिखा सकता है। उसे यह भी महसूस हुआ कि हाथी को परेशान करना बेकार था, क्योंकि उसकी अपनी शक्ति इतनी महान थी कि उसे किसी से डरने की जरूरत नहीं थी। शेर ने धीरे-धीरे हाथी से उतरने का निर्णय लिया और इस घटना से उसने एक सीख ली की वास्तविक शक्ति दिखाने के लिए शोर नहीं, बल्कि शांति और संयम की आवश्यकता होती है। इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि शक्ति सिर्फ दिखाने से नहीं, बल्कि संयम और आत्मविश्वास से आती है।
देवांशु सैनी, उम्र-15वर्ष
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शेर और हाथी की कहानी
एक बार की बात है। एक शेर और एक हाथी था। वे दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। एक दिन वे मिले और बात करने लगे। बातों-ही-बातों में उन दोनों के बीच मे अनबन हो गई और दोनों एक-दूसरे का मजाक बनाने लगे। शेर ने हाथी से कहा कि मैं तो इतना ताकतवर हूं कि मुझसे सब डरते हैं किसी की हिम्मत नहीं जो मेरे पास आ जाए। इस बात को सुनकर हाथी को थोड़ा बुरा लगा, पर शेर नहीं माना और हाथी को बहुत कुछ बोला। सब सुनकर हाथी गुस्से से आग बबूला हो गया। कुछ दिन बाद दोनों फिर मिले, तो हाथी ने शेर को सबक सिखाने की सोची। हाथी ने शेर से कहा कि चलो जंगल की सैर करके आते हैं। तो शेर ने हां बोल दी। हाथी ने कहा कि तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ।
शेर हाथी की पीठ पर बैठ गया और जैसे ही शेर हाथी की पीठ पर बैठा, हाथी जोर-जोर से भागने लगा कुछ देर बाद हाथी थोड़ा रुका, तो शेर ने हाथी से पूछा कि तुम इतनी तेज क्यों भाग रहे हो। तुमने उस दिन जो मेरा मजाक बनाया उससे मुझे बहुत गुस्सा आया था। मुझे तुम्हारी उस गलती का पश्चाताप कराना था इसलिए मैंने ये सब किया। इस बात को सुनकर शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने हाथी से तुरंत माफी मांगी। हाथी ने उसको माफ कर दिया और एक सीख भी दी कि कभी किसी का मजाक मत बनाना। वे दोनों दोबारा दोस्त बन गए। शिक्षा- कभी हमें किसी की मजाक नहीं बनाना चाहिए।
सानिध्य जैन,उम्र-11वर्ष
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शेर की सवारी
जंगल में एक शेर रहता था, जो खुद को सबसे ताकतवर समझता था। वह हर जानवर पर रौब जमाता और उन्हें डराकर अपनी बात मनवाता। सभी जानवर उससे डरते थे, लेकिन हाथी हमेशा शांत रहता था। एक दिन शेर ने हाथी का मजाक उड़ाते हुए कहा, तुम बड़े हो, लेकिन ताकत में मुझसे कमजोर हो।
अगर मैं चाहूं, तो तुम्हें भी अपने इशारों पर चला सकता हूं। हाथी मुस्कुराया और बोला, अगर तुम सच में इतने ताकतवर हो, तो मेरी सवारी क्यों नहीं करते? शेर को अपनी ताकत दिखाने का मौका मिल गया। वह गर्व से एक ऊंची कुर्सी पर बैठकर हाथी को हांकने लगा। लेकिन जैसे ही हाथी ने तेज दौडऩा शुरू किया, शेर की हालत खराब हो गई। वह घबराकर चिल्लाने लगा, अरे! धीरे चलो, मैं गिर जाऊंगा। हाथी हंसते हुए बोला, जो दूसरों को डराने की कोशिश करता है, वह खुद डर जाता है! इस घटना के बाद शेर को समझ आ गया कि सच्ची ताकत सिर्फ डराने में नहीं, बल्कि धैर्य और समझदारी में होती है।
केशव बंसल, उम्र- 13वर्ष
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गजराज हाथी और पीलू शेर की दोस्ती
एक जंगल में गजराज नामक हाथी और पीलू नाम का बब्बर शेर रहता था। दोनों को अपनी ताकत पर बहुत घमण्ड था। जंगल के दूसरे जानवर उन दोनों से बहुत डरते थे। गजराज शाकाहारी था तो पीलू शेर मांसाहारी था। दोनों में परस्पर बैर होना स्वाभाविक था। इसका फायदा चालाक लोमड़ वीरू उठाना चाहता था। वह हमेशा इसी फिराक में रहता था कि किस घड़ी वे दोनों आपस में लड़ें और वह तमाशा देखे।
लोमड़ वीरू गजराज के पास जाता है और उसके कान भरता है। अगले दिन चालाक लोमड़ पीलू शेर के पास गया और उसे कहता है कि गजराज हाथी तो कहता है कि पीलू शेर की तो फुटबॉल बना कर खेलूंगा। इस तरह दोनों को एक-दूसरे के विरुद्ध भड़का कर चालक लोमड़ बड़ा खुश हो जाता है कि अब अगले दिन उसे तमाशा देखने को मिलेगा। लेकिन अगले दिन वह इसका उल्टा ही देखता है। गजराज हाथी के ऊपर शेर बड़े मजे से बैठकर जंगल की सैर कर रहा है। ऐसा देख लोमड़ वीरू बहुत दु:खी हुआ और फूट-फूट कर रोने लगा। तब उन दोनों ने बताया कि उन्हें उसकी साजिश के बारे में पता चल गया था। उसने उन दोनों से माफी मांगी। गजराज हाथी ने कहा लोमड़ हम दोनों बड़े ताकतवर है लेकिन समझदार भी हैं। लेकिन तुम बहुत गिरे हुए जानवर हो, जो दूसरों को लड़वाना चाहते हो और फिर तमाशा देख खुश होते हो। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी के बहकावे में आकर अपने समकक्ष के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए। गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए।
रेयांश ओझा, उम्र 8 वर्ष

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