70% पिछड़ी जातियां मौजूद
जाति जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में पिछड़ी जातियों की आबादी करीब 70% है। आयोग का तर्क है कि आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाना सरकारी लाभ और अवसरों के समान वितरण के लिए जरूरी है। यह सिफारिश शिक्षा और सरकारी नौकरियों के साथ-साथ स्थानीय निकायों में भी लागू करने की योजना है। हालांकि, इस प्रस्ताव ने कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले बिहार में इसी तरह के प्रयास को खारिज किया था, जिसके बाद कर्नाटक का यह कदम भी कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकता है। कुछ समुदायों, जैसे लिंगायत और वोक्कालिगा, ने इस सिफारिश पर नाराजगी जताई है।सबसे ज्यादा आबादी?
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1,09,29,347 और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 42,81,289 है। पिछड़े वर्गों की जनसंख्या को विभिन्न श्रेणियों के आधार पर इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है।1B वर्ग: 73.92 लाख
2A वर्ग: 77.78 लाख
2B वर्ग: 75.25 लाख
3A वर्ग: 72.99 लाख
3B वर्ग: 1.54 करोड़ रिपोर्ट के अनुसार, OBC समुदाय की कुल जनसंख्या 4.16 करोड़ है। इसमें अनुसूचित जातियों (SC) की जनसंख्या 1.09 करोड़ और अनुसूचित जनजातियों (ST) की जनसंख्या 42.81 लाख बताई गई है। इस जातिगत जनगणना सर्वे में कुल 5.98 करोड़ लोगों का डेटा संकलित किया गया।