NDA की ओर से साफ नहीं, चुनाव बाद कौन होगा CM
सैनी का यह बयान उस समय आया है, जब बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। ऐसे में सैनी का सम्राट चौधरी को प्रोजेक्ट करना नीतीश कुमार के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है। हालांकि, एनडीए की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। यह अनिश्चितता बिहार की सियासत में नई अटकलों को जन्म दे रही है। गुरुग्राम के इस कार्यक्रम में सम्राट चौधरी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद थे। सैनी ने अपने संबोधन में चौधरी को बिहार में विजय का प्रतीक बताते हुए बीजेपी की महत्वाकांक्षी रणनीति का संकेत दिया। यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं और हाल के वर्षों में उनकी सियासी सक्रियता बढ़ी है।
नीतीश कुमार के बजाय सम्राट चौधरी होंगे चेहरा?
सवाल यह है कि क्या बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार के बजाय सम्राट चौधरी को बड़ा चेहरा बनाने की तैयारी कर रही है? बयान के बाद बिहार में सियासी माहौल गरमागरम हो गया है। नीतीश कुमार की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है या यह महज बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है? बिहार की जनता और राजनीतिक विश्लेषक अब इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं कि क्या बीजेपी नीतीश को साइडलाइन कर सम्राट चौधरी को प्रोजेक्ट करने की योजना बना रही है। यह बयान न केवल बिहार बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। सम्राट चौधरी के बढ़ते कद और बीजेपी के इस नए दांव ने नीतीश कुमार के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अब देखना यह है कि क्या बीजेपी इस बयान को और आगे बढ़ाएगी या इसे महज एक सियासी जुमले के तौर पर छोड़ देगी। बिहार की सियासत में आने वाले दिन और भी रोमांचक होने वाले हैं।