बर्फबारी से नहीं कटेगा संपर्क
परियोजना का काफी हिस्सा सुरंग से गुजरने के कारण बर्फबारी में भी घाटी का देश के बाकी हिस्सों से जुड़ाव रहेगा। इसके लिए स्पेशल डिजाइंड वंदे भारत ट्रेन जल्द शुरू होगी। यह ट्रेन जैसे ही पहलगाम की घाटियों से गुजरेगी वैसे ही इसमें बैठे यात्रियों को हरियाली से सजी वादिया दूर तक फैले चीड़ और देवदार के जंगल देखने को मिलेंगे।ये खासियत होंगी स्पेशल ट्रेन की
ट्रेन के फ्रंट लुकआउट ग्लास में एलीमेंट सर्द मौसम में विंडशील्ड को डी-फ्रॉॅस्ट कर ड्राइवर को क्लियर विजन प्रदान करेंगे। तापमान कम होने पर ट्रेन के बायो-टॉयलेट टैंकों में पानी को जमने से रोकने के लिए सिलिकॉन हीटिंग पैड लगाए हैं। ओवरहीट प्रोटेक्शन सेंसर से शून्य या माइनस तापमान में भी रेल संचालन सुचारू रहेगा।सेना की त्वरित पहुंच होगी
रेल लिंक से कश्मीर घाटी में व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे कृषि उत्पादों, शिल्प और स्थानीय उद्योगों को बड़े बाजारों तक पहुंच मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा सेना की त्वरित आवाजाही से सुरक्षा मजबूत रहेगी।Vande Bharat Train: दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर वंदे भारत का ट्रायल रन पूरा, ट्रेन में मिलेगी ये सुविधाएं
परियोजना पर नजर
-272 किलोमीटर परियोजना की लंबाई-943 छोटे-बड़े पुल, 36 मेन सुरंग
-टी-50 सबसे लंबी सुरंग (12.77 किमी)
-37 हजार करोड़ परियोजना की लागत
-359 मीटर चिनाब ब्रिज की ऊंचाई
-96 केबल का सहारे 331 मीटर ऊंचाई पर बने 725 मीटर लंबा अंजी खड्ड ब्रिज