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प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में 81 फीसदी खरीद हो रही ऑनलाइन, जानिए किसानों को क्या हो रहा फायदा

कृषि उपज के व्यापार में अधिक से अधिक डिजीटल लेन-देन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना, कागजों में ज्यादा हो रही खरीद, धरातल पर स्थिति अलग, योजना के तहत राज्य के 85,132 व्यापारियों, 26,866 आढ़तियों, 15.09 लाख किसानों एवं 446 कृषक उत्पादक संघों का योजना में किया पंजीकरण

नागौरApr 04, 2025 / 11:01 am

shyam choudhary

ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना
नागौर. प्रदेश की 145 कृषि उपज मण्डी समितियां ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुडी हुई हैं और इनमें पिछले पांच साल में 81 फीसदी जिंसों के सौदे ऑनलाइन हुए हैं। वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक 90 फीसदी खरीद ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से हुई। खास बात यह है कि जुलाई 2024 तक राज्य के 85,132 व्यापारियों, 26,866 आढ़तियों, 15.09 लाख किसानों के साथ 446 कृषक उत्पादक संघों का पंजीकरण भी ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) में किया गया है।
गौरतलब है कि कृषि विपणन विभाग की ओर से किसानों के हित में राष्ट्रीय कृषि बाजार मंच के माध्यम से व्यापार बढ़ाने के लिए किसानों के हित में तीन योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसके तहत समय-समय पर किसानों को नकद पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया जाता है।
अभी सुधार की आवश्यकता

हालांकि रिकॉर्ड में भले ही 81 प्रतिशत व्यापार ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से हो रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति अलग है। ई-नाम के लिए न तो किसान अभी तैयार हुए हैं और न ही व्यापारी। सरकार विभिन्न योजनाओं में पुरस्कार देकर प्रोत्साहन देने का प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी अभी सुधार की काफी गुंजाइश है।
ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार में गत 5 वर्षों में प्रतिवर्ष किए गए सौदे की मात्रा एवं मूल्य

वित्तीय वर्ष – आवक – व्यापार – प्रतिशत – सौदों का मूल्य (करोड़ में)

2019-20 – 14,68,513 – 7,27,198 – 50 – 2849.89
2020-21 – 30,33,993 – 16,78,656 – 55 – 6364.79

2021-22 -51,12,983 – 42,64,607 – 83 – 18,617.79

2022-23 – 72,62,114 – 65,36,292 – 90 – 26,839.31

2023-24 – 6,73,09,460 – 58,21,701 – 86 – 23,549.54
कुल – 2,36,10,549 – 1,90,28,454 – 81 – 78,221.32

नोट – आवक व व्यापार के आंकड़े मैट्रिक टन में है।

ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित करने के मुख्य उद्देश्य

– कृषि वस्तुओं के व्यापार के लिए देश में एक साझा ऑनलाइन बाजार मंच के माध्यम से बाजारों को एकीकृत करना।
– बाजारों के कुशल संचालन को बढ़ावा देने के लिए एक समान विपणन/लेनदेन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना।

– अधिक खरीदारों/बाजारों तक ऑनलाइन पहुंच के माध्यम से किसानों/विक्रेताओं के लिए बेहतर विपणन अवसरों को बढ़ावा देना।
– किसान और व्यापारी के बीच सूचना विषमता को दूर करना।

– कृषि-वस्तुओं की वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर बेहतर और वास्तविक समय मूल्य निर्धारण।

– नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता, उपज की गुणवत्ता के अनुरूप मूल्य, ऑनलाइन भुगतान आदि जो विपणन दक्षता में योगदान करते हैं।
– खरीदारों की ओर से सूचित बोली को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता परीक्षण के लिए गुणवत्ता परख प्रणाली स्थापित करना।

योजनाओं के माध्यम से करते हैं प्रोत्साहित

किसानों को ई-नाम योजना से जोडऩे के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई गई हैं, जिनके माध्यम से किसानों को नकद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें ई-भुगतान प्रोत्साहन योजना, सावित्री बाई फूले महिला कृषक सशक्तीकरण योजना एवं कृषक उपहार योजना शामिल है, जिनके माध्यम से किसानों व व्यापारियों को नकद पुरस्कार दिए जाते हैं।
– रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी, नागौर

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