मनमानी और गड़बड़ी पर लगेगी लगाम
मौजूदा समय में, आउटसोर्सिंग भर्तियों में मनमानी चरम पर है। विभागीय अधिकारी अक्सर अपने करीबी लोगों को बिना योग्यता के भर्तियों में प्राथमिकता दे देते हैं। कई मामलों में तो केवल कागजों पर ही कर्मियों की नियुक्ति दिखाकर हर महीने मानदेय लिया जाता है। इन गड़बड़ियों और शोषण को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन करने का निर्णय लिया है। पारदर्शी प्रक्रिया के लिए तय किए गए मानक
निगम द्वारा तय किए गए नए मानकों के तहत अब अभ्यर्थियों का चयन निम्नलिखित आधारों पर होगा: – पारिवारिक आय – आयु सीमा – शैक्षणिक योग्यता
– पद के लिए निर्धारित मानक – अभ्यर्थी का निवास क्षेत्र (ग्रामीण या शहरी) इन मानकों के अनुसार, चयन सूची में निम्न आय वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए साक्षात्कार को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।