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विशेषज्ञों का कहना है कि यह राशि इतनी बड़ी है कि इसमें 10-15 प्रतिशत वृद्धि कर स्थायी प्रबंध व पक्के निर्माण किए जा सकते हैं। हालांकि इसके लिए अभी अधिकृत एस्टीमेट तैयार नहीं हुआ है।
राज्य सरकार ने सिंहस्थ-28 को देखते हुए मेला क्षेत्र में स्थायी अधोसंरचनाओं के लिए स्प्रिचुअल सिटी विकसित करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत लैंड पूलिंग कर क्षेत्र में पक्की सडक़, पानी की लाइन, सीवर लाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, इलेक्ट्रिक पोल आदि स्थायी रूप से लगाए जाएंगे। हालांकि किसान इसका विरोध करते हुए अपनी जमीनें देने से इंकार कर रहे हैं।
सिंहस्थ 2016 में 632.86 करोड़ किया खर्च
- पेयजल व्यवस्था, सीवर लाइन- 163 करोड़ रुपए
- इलेक्ट्रिक व्यवस्था- 101 करोड़ रपए
- टॉयलेट, सफाई, टैंट आदि पर- 315 करोड़ रुपए।
- कच्ची सड़क, लेवलिंग- 20 करोड़ रुपए
- टैंट व पार्किंग- 30 करोड़ रुपए
- जिला पंचायत के टैंट- 3.86 करोड़ रुपए