scriptMadhumita Shukla Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर फैसला संभव | Madhumita Shukla Case: Supreme Court to Hear Amarmani Tripathi Premature Release Case Today | Patrika News
लखनऊ

Madhumita Shukla Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर फैसला संभव

Supreme Court Hearing Madhumita Shukla Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट चुके पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की समय पूर्व रिहाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। पीड़िता की बहन निधि शुक्ला ने इस रिहाई को अवैध करार देकर चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट इस पर बड़ा फैसला सुना सकता है।

लखनऊMar 03, 2025 / 09:57 am

Ritesh Singh

Supreme Court Hearing Madhumita Shukla Case

Supreme Court Hearing Madhumita Shukla Case

Madhumita Shukla Case Court Hearing: बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी कानूनी लड़ाई आज सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की समय से पहले हुई रिहाई के मामले की सुनवाई करेगा। इस मामले पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह हत्याकांड उत्तर प्रदेश के सबसे सनसनीखेज मामलों में से एक रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य आधार पर अमरमणि और मधुमणि को समय पूर्व रिहा किए जाने को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। पीड़िता के परिवार ने इसे चुनौती दी थी, और अब सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम फैसला सुना सकता है।
यह भी पढ़ें

BSP में बड़ा बदलाव: आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया गया, मायावती के भाई आनंद कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारी 

क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड?

साल 2003 में हुई थी हत्या

9 मई 2003 को लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी स्थित घर में कवि और पत्रकार मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड के पीछे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि का हाथ था।
हत्या की वजह

CBI जांच में यह साबित हुआ कि मधुमिता शुक्ला, अमरमणि त्रिपाठी के बच्चे की मां बनने वाली थीं। वह सात महीने की गर्भवती थीं, और इसी वजह से उनकी हत्या कर दी गई।
Madhumita Shukla Case
अमरमणि त्रिपाठी को उम्रकैद की सजा

2007 में सीबीआई कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा।
यह भी पढ़ें

रोडवेज संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी: परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मानदेय बढ़ाने की घोषणा

समय से पहले रिहाई पर क्यों उठे सवाल?

अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद समय से पहले रिहा कर दिए गए। सरकार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उनकी 20 साल की सजा पूरी होने से पहले ही रिहाई का आदेश दिया।

रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

  • मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और रिहाई को अवैध करार देने की मांग की।
  •  याचिका में दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमों का उल्लंघन कर रिहाई दी।
  • निधि शुक्ला ने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी का प्रभाव अब भी बना हुआ है और उनकी रिहाई से न्याय का मखौल उड़ाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?

  • सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया था कि आखिर किन आधारों पर अमरमणि त्रिपाठी को रिहा किया गया? कोर्ट ने सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी थी।
  • अब इस मामले में आज अहम सुनवाई होगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट यह तय कर सकता है कि रिहाई को रद्द किया जाए या नहीं।
यह भी पढ़ें

इकाना स्टेडियम पर 28.42 करोड़ का हाउस टैक्स बकाया, नगर निगम ने BCCI और खेल मंत्रालय से मांगी मदद 

मधुमिता शुक्ला के परिवार की मांग

निधि शुक्ला (मधुमिता की बहन) ने कहा: “अमरमणि त्रिपाठी का स्वास्थ्य आधार पर रिहा किया जाना पूरी तरह गलत है। वह अब भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और राजनीति में सक्रिय हैं। हमें न्याय चाहिए।”

CBI ने भी किया था विरोध

CBI ने पहले ही कोर्ट में कहा था कि अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई से गवाहों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है।

क्या हो सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

  • रिहाई को रद्द किया जा सकता है: अगर सुप्रीम कोर्ट को लगे कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गलत तरीके से रिहाई दी, तो वह इस फैसले को रद्द कर सकता है।
  •  नई जांच के आदेश दिए जा सकते हैं: कोर्ट सरकार से पूरी प्रक्रिया की दोबारा जांच करने को कह सकता है।
  • स्टेटस बरकरार रखा जा सकता है: अगर सरकार सही साबित कर देती है कि रिहाई नियमों के तहत हुई थी, तो कोर्ट इसे बरकरार रख सकता है।

इस केस से क्यों जुड़े हैं राजनीतिक मायने?

  • अमरमणि त्रिपाठी कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा थे।
  • वह मुलायम सिंह यादव सरकार में मंत्री रहे और कई पार्टियों से जुड़े रहे।
  • उनकी रिहाई के बाद से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।
  • कई लोगों का मानना है कि राजनीतिक दबाव के चलते ही उन्हें समय से पहले रिहा किया गया।
यह भी पढ़ें

चंबल की कुख्यात डकैत कुसुमा नाइन का निधन,जानें कैसे हुई मौत

जनता और महिला संगठनों का रुख

  • महिला संगठनों ने कहा कि यह न्याय का अपमान है।
  • सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद जताई जा रही है कि वह सही फैसला देगा।
  •  सोशल मीडिया पर भी अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के खिलाफ आवाज उठ रही है।

क्या होगा अगला कदम?

अगर सुप्रीम कोर्ट रिहाई को रद्द कर देता है, तो अमरमणि और मधुमणि त्रिपाठी को फिर से जेल जाना होगा। वहीं, अगर कोर्ट सरकार के फैसले को सही ठहराता है, तो उनकी रिहाई पर कोई सवाल नहीं रहेगा।

Hindi News / Lucknow / Madhumita Shukla Case: मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर फैसला संभव

ट्रेंडिंग वीडियो