जयराम रमेश ट्विटर पर लिखा, “2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है। जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत ही बेहतरीन जीवनी है। जिसमें वह महात्मा के साथ इसके तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है। यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।”
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रवि किशन ने ने किया पलटवार
गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने जयराम रमेश के ट्वीट पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों की मानसिकता सिर्फ पाकिस्तान जैसी मानसिकता रखने वालों के वोट बैंक पर आधारित होती है। ऐसी मानसिकता के लोग सिर्फ तुष्टिकरण और इसी पर आधारित राजनीति करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं जयराम रमेश को बताना चाहता हूं कि गीता प्रेस एक ऐसी संस्था है, जिसके माध्यम से हम लोगों ने अपने घर में अपने बड़ों से संस्कार सीखे हैं। इसी गीताप्रेस की प्रशंसा महात्मा गांधी भी कर चुके हैं। उन्हीं के कहने पर आज तक गीता प्रेस ने किसी का विज्ञापन नहीं छापा। आप समाज में धार्मिक सामाजिक और समाज को अच्छा संदेश देने वाली संस्था पर सवाल उठा रहे हैं, जो आपकी छोटी मानसिकता को दर्शाता है।