जेलों में बंदियों के मोबाइल इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के उद्देश्य से राजस्थान की चार जेल जोधपुर, जयपुर, बीकानेर व अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में जल्द ही टॉवर हार्मोनियस कॉल ब्लोकिंग सिस्टम (टी-एचसीबीएस) शुरू होने की उम्मीद है। प्रथम चरण में चार जेलों के लिए राज्य सरकार निविदा भी निकाल चुकी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल रूपिंदरसिंह ने जोधपुर सेंट्रल जेल में निरीक्षण के दौरान पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेलों में जैमर पुराने हो चुके हैं और यह काम नहीं कर रहे हैं। इनकी जगह अब टी-एचसीबीएस नामक आधुनिक प्रणाली शुरू की जा रही है। इसके तहत जेल में एक टॉवर लगाया जाएगा। उसमें सामान्यतया अधिक सक्रिय रहने वाली चार मोबाइल कम्पनियाें की मशीनें लगाई जाएंगी, जो जेल में अपनी-अपनी सर्विस को ब्लॉक करेगी। इससे कोई मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएगा।
आइपीएस हेमंत कलाल व एसडीएम की टीम को जेल के मुख्य गेट पर 20 मिनट तक रोके रखने के संबंध में एडीजी सिंह ने कहा कि सिर्फ एक ही मामले में ऐसा हुआ है। अन्यथा पुलिस, प्रशासन व जेल प्रशासन आपसी सामंजस्य से जेलों की समय-समय पर सर्च करते हैं। आइपीएस को रोकने के संबंध में आइजी जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। जेल में किसी कार्मिक की बंदी से मिलीभगत पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जा रही है। निलम्बन के साथ ही बर्खास्त भी किए गए हैं।
जितनी पुरानी व बड़ी जेल, उतनी अधिक चुनौतियां
एडीजी रूपिंदर सिंह का कहना है कि जेलों में कई तरह की चुनौतियां हैं। जितनी पुरानी व बड़ी जेल होती है, वहां चुनौतियां अधिक होती हैं। स्टाफ की कमी, क्षमता से अधिक बंदी, निषेध सामग्री, बंदियों की तुलना में स्टाफ हैं या नहीं आदि समस्याएं शामिल हैं।
सालभर में होंगी 900 भर्तियां
एडीजी सिंह ने कहा कि जेल में प्रहरियों की आठ सौ व एक सौ से अधिक प्रहरी से ऊपरी रैंक के अधिकारियों की भर्ती निकली हुई है। प्रक्रिया चल रही है। एक साल में इनकी भर्ती कर ली जाएगी।
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राज्य की ओपन जेलें देश में नम्बर-वन
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में राजस्थान की ओपन जेलें काफी बेहतर हैं। इन ओपन जेलों को पंजाब हाईकोर्ट ने मॉडल माना है।
कई मेडिकल उपकरण खरीदे, रेडियोग्राफी नहीं
जेलों में बंदियों के लिए डिस्पेंसरी है, लेकिन डाॅक्टर्स की कमी है। हाल ही में मेडिकल उपकरण खरीदे गए हैं। एक्स-रे मशीन है, लेकिन रेडियाग्राफी मशीन नहीं है। स्टाफ की भी कमी है।