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जांजगीर चंपा

छत्तीसगढ़ के किसान सालों से कर रहे जंगली पीला गेंदा को संरक्षित, 9 साल बाद मिला पेटेंट, जीनोम पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित

Janjgir Champa News: देश में विलुप्त हो रही जंगली पीला गेंदा को सालों से संरक्षित करने और उन्हें विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे जांजगीर-चांपा जिले के किसान दीनदयाल यादव को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण भारत सरकार दिल्ली की ओर से पेटेंट प्रदान किया गया है।

जांजगीर चंपाMar 11, 2025 / 08:48 am

Khyati Parihar

छत्तीसगढ़ के किसान सालों से कर रहे जंगली पीला गेंदा को संरक्षित, 9 साल बाद मिला पेटेंट, जीनोम पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
CG News: आनंद नामदेव @ जांजगीर-चांपा। देश में विलुप्त हो रही जंगली पीला गेंदा को सालों से संरक्षित करने और उन्हें विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे जांजगीर-चांपा जिले के किसान दीनदयाल यादव को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण भारत सरकार दिल्ली की ओर से पेटेंट प्रदान किया गया है। साथ ही फलदार बेल का भी पेंटेंट मिला है।
जिले के बलौदा ब्लॉक के छोटे से गांव बहेराडीह में देश के पहले किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने 9 साल पहले वर्ष 2016 में जिले के कृषि विभाग के उप संचालक के प्रमाणित कराने के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के पादप प्रजनन विभाग प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा की अनुसंशा से पौधा किस्म और कृषक प्राधिकरण संरक्षण प्राधिकरण को भारत में विलुप्त हो रहे जंगली पीला गेंदा को संरक्षित करने तथा उनका पेटेंट के लिए आवेदन किया था। शासन स्तर पर जांच पड़ताल करने के 9 साल बाद पेटेंट प्रदान किया गया।
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छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों का पेटेंट लेने की तैयारी

छत्तीसगढ़ के 36 भाजियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम कर रहे युवा किसान दीनदयाल यादव इसका पेटेंट कराने भी आवेदन कर चुके हैं। साथ ही जामुन, अनार और अन्य पौधों का पेटेंट प्रदान करने भारत के अलग-अलग राज्यों के वैज्ञानिकों द्वारा मौके पर पहुंचकर पौधों और बीज, तना, पत्तियों, फूल और फल तथा मिट्टी की नमूना लेकर जांच पड़ताल की प्रक्रिया शासन स्तर पर जारी है।

पा चुके हैं जीनोम पुरस्कार

किसान दीनदयाल यादव को छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों की संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने के साथ ही कई विलुप्त चीजों को संरक्षित करने के काम को देखते हुए कृषि व कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने दो वर्ष पूर्व दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में उन्हें डेढ लाख रुपए का चेक और प्रमाण पत्र के साथ जीनोम पुरस्कार प्रदान किया था।

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