सभी विभागों की संयुक्त कार्ययोजना तैयार
दूसरे चरण में विभिन्न विभागों ने अपने-अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार जल संरक्षण कार्यों को चिह्नित कर डीपीआर में शामिल किया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी कार्य मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरे किए जाएं।बैठक में मुख्य बिंदु
-पारंपरिक संरचनाओं के जरिये जल संकट का समाधान- खड़ीन, टांका, नाड़ी जैसी तकनीकों को प्राथमिकता
- द्वितीय चरण की डीपीआर को मिली स्वीकृति
प्रथम चरण की प्रगति की भी हुई समीक्षा
अधिकारियों को मिले निर्देश
रश्मि रानी ने कहा कि जल संरक्षण केवल एक विभाग की नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्यों को पूरा करने को कहा गया है।बैठक में उपखण्ड अधिकारी सक्षम गोयल, नगर परिषद आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।