बताया जाता है कि सरगुजा संभाग में भी एक डीएफओ पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यह अधिकारी सीधे आईएफएस नहीं हैं, बल्कि छोटे पद से डीएफओ बने हैं और कई अनियमितताओं को अंजाम दे चुके हैं। स्थानीय लोग इनके खिलाफ लगातार शिकायतें करते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे वे कुर्सी पर बने हुए थे।
तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में बड़ी कार्रवाई!
बता दें कि सुकमा डीएफओ अशोक पटेल पर
भूपेश सरकार के समय भी लेंटाना, सामाजिक वानकी और कांगेर वैली में खाद घोटाला में करोड़ों की राशि के गबन के मामले सामने आए थे। लेकिन बड़ी शिकायतों के बावजूद विभाग में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी।
सूत्रों के मुताबिक सुकमा जिले के
तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2021 और 2022 का तेंदुपत्ता के बोनस का नगद भुगतान करना था इसके तहत वर्ष 2021 में सुकमा जिले की 17 समितियों के 21,225 संग्राहकों को सवा तीन करोड़ रुपए तथा वर्ष 2022 में जिले 13197 संग्राहकों का कुल 2 करोड़ 59 लाख के बोनस में डीएफओ घोटाला कर लगभग दो करोड़ हड़प लिए।
जांच में हुई भ्रष्टाचार की पुष्टि
इस मामले की शिकायत होने पर डीएफओ के खिलाफ हुई जांच में पुष्टि हुई। इस मामले में राज्य सरकार नें आरोपी डीएफओ अशोक कुमार पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बीजापुर के डीएफओ राम कृष्णा को सुकमा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सुकमा वन मंडल में वर्ष 2021-22 का
बोनस तेंदूपत्ता संग्राहकों को नकद वितरित किया जाना था। बोनस वितरण में घोटाले की शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच करवाई गई । इसकी प्रारम्भिक रिपोर्ट अभी प्राप्त हुई है जिसमे बोनस वितरण अनियमितता की पुष्टि हुई है। इस मामले में राज्य शासन नें त्वरित कार्रवाई करते हुए सुकमा डीएफओ को निलंबित कर दिया है।