CG News: बड़ी संख्या में हर साल शामिल होते हैं श्रद्धालु
प्राचीन परंपरा के अनुसार मुथ्यालम्मा माता को झरने में स्नान कराने की प्रथा है। इसी परंपरा के तहत माता को मोटूगुडम पोलूर झरने पर लाया गया, जहां विशेष पूजा-अर्चना और जागरण किया गया। रातभर चले धार्मिक अनुष्ठान में श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ माता की आराधना की। महोत्सव के दौरान लक्षपल्ली में बकरे और मुर्गियों की बलि चढ़ाई गई, जो इस परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। आयोजन में शामिल श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। यह जातरा महोत्सव तीनों राज्यों की सांस्कृतिक एकता और परंपरागत आस्था का प्रतीक माना जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं।
दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
यह जातरा में मान्यता हैं, कि आने वाले भक्तों को यहां सिलेरु के पुराने पानी में सुनहरी मछली की दर्शन होती हैं, जैसे कि केरल के सबरीमाला में अय्यप्पा के भक्तों को मकर ज्योति दिखाई देती हैं। उसी तरह यहां आने वाले श्रद्धालु को पानी में एक सुनहरी मछली दिखाई देती हैं। मछली की एक झलक के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े, मना जाता हैं कि सुनहरी मछली की दर्शन से भक्तों के सारे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सुनहरी मछली की एक झलक के लिए उमड़े श्रद्धालु
यह जातरा में मान्यता हैं, कि आने वाले भक्तों को यहां
सिलेरु के पुराने पानी में सुनहरी मछली की दर्शन होती हैं, जैसे कि केरल के सबरीमाला में अय्यप्पा के भक्तों को मकर ज्योति दिखाई देती हैं, उसी तरह यहां आने वाले श्रद्धालु को पानी में एक सुनहरी मछली दिखाई देती हैं, मछली की एक झलक के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े, मना जाता हैं कि सुनहरी मछली की दर्शन से भक्तों के सारे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जतरा के लिए सिलेरु नदी पर बना तैरता जेट ब्रिज..
CG News: यह मेले में आंध्र सरकार ने पोलुरु के सिलेरु नदी पर लोटिंग जेट ब्रिज स्थापित किया है यह ब्रिज से लगभग 20 हजार श्रद्धालु सोमवार को पार कर मुत्यालमा का दर्शन प्राप्त किए।