जबलपुर में 2 लाख क्विंटल धान घोटाला: नान जिला प्रबंधक, 17 चावल मिल मालिकों सहित 74 पर एफआइआर

paddy scam : नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों
कर्मचारियों और सहकारी समिति के कर्मचारियों की मिलीभगत से मिलर्स ने चालान तो ट्रक का कटाया लेकिन उन रजिस्ट्रेशन नंबरों पर कार, बस और ट्रेक्टर के अलावा डम्पर मिले। ऐसे 55 वाहन जिला जांच दल ने पकड़े हैं। इसी प्रकार जीएसटी से ई वे बिल के जरिए जांच कराई तो यह खुलासा भी हुआ कि मिलर्स के 15 वाहनों में धान का चालान कटा लेकिन वे उसी तारीख में प्रदेश के दूसरे शहरों में स्क्रैप, सोयाबीन, ऑर्टिकल ऑफ स्टोन, मिनरल, कैमिकल, मार्बल और लकड़ी की ढुलाई कर रहे थे। एक मिलर ने तो ट्रिप के नाम पर हद कर दी, उसने एक वाहन से एक दिन में उज्जैन के चार ट्रिप बता दिए। इस फर्जीवाड़े के खुलासे में दो महीने के समय लगा लेकिन इस दौरान जांच दल कई जगहों पर गया। आरटीओ से लेकर जीएसटी के अधिकारियों से संपर्क कर वाहनों का पूरा ब्यौरा एकत्रित किया।
paddy scam : वाहनों के 307 ट्रिप पाए गए हैं फर्जी
जांच दल ने ढाई हजार पन्नों के ट्रक चालान जनरेट करने में मनमानी का पर्दाफाश हुआ है। जबलपुर से उज्जैन, मनेरी मंडला, विदिशा, राजगढ़, ग्वालियर के मिलर्स के 307 ट्रिप को फर्जी पाया है। इनमें 15 ऐसे हैं कि जो कि निर्धारित रूट से अलग थे। इनमें दूसरी चीजों की ढुलाई चल रही थी। इन ट्रिप को मिलर्स ने धान की मिलिंग के नाम पर बिल से घटाने का प्रयास किया लेकिन सही समय पर इसका पर्दाफाश हो गया।
paddy scam : फैक्ट फाइल
55 वाहन ऐसे मिले जो कि ट्रक की जगह दूसरी श्रेणी के।20 कार, 14 डम्पर, 5 बस, 5 पिकअप और एक ट्रैक्टर तक मिला।
45 वाहन ऐसे थे जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर तक गलत था।
100 ऐसी ट्रिप मिली जिनसे परिवहन संभव नहीं हो सकता।
121 ट्रिप ऐसी भी जिनमें तय मात्रा से ज्यादा लोडिंग मिली।
