मोबाइल बंद, फरार
जिला प्रशासन की इतनी बड़ी कार्रवाई को लेकर पूरे जिले में हड़कंप मचा रहा। मामले की भनक लगते ही मिलर्स, सोसाइटी प्रबंधक, कम्प्यूटर ऑपरेटर और कर्मचारियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए और फरार हो गए।चौंकाने वाले खुलासे
फर्जीवाड़े की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन से जुड़े कर्मचारियों ने मिलर, सोसाइटियों के साथ मिलकर कागजों पर धान चढ़ाई, परिवहन किया और फर्जी रिलीज ऑर्डर तक काट दिए। करीब 30 करोड़ 14 लाख की धान की कागजी खरीदी की गई। इसमें से करीब 14 करोड़ का धान जबलपुर के बाजार में ही बेच दिया गया। वहीं शेष 16 करोड़ का धान आनलाइन पोर्टल पर चढ़ा दिया गया।स्थानीय दलालों को बेचा धान
ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना, मंडला, मनेरी आदि स्थानों के मिलर्स ने सोसाइटी से धान उठाने के बजाय स्थानीय दलालों को धान बेचा। उन्होंने कागजों पर ट्रक से धान का फर्जी परिवहन दिखाया, जबकि न तो इन ट्रक का टोल कटा और न ही टोल कैमरे में ये ट्रक नजर आए।अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मिलर्स की सांठगांठ
जांच समिति ने जब इस फर्जीवाड़े के तार जोड़े तो कई अधिकारियों, कर्मचारियो के साथ मिलर्स की सांठगांठ का पर्दाफाश हो गया। इस दौरान 17 मिलर्स ने धान का परिवहन करने के बजाय उसे जबलपुर में ही बेच दिया। इसमें मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन के अधिकारी से लेकर ऑपरेटर और केंद्र प्रभारी तथा कंप्यूटर ऑपरेटर सीधे तौर पर शामिल रहे।17 राइस मिलर संचालकों ने किया फर्जीवाड़ा, 12 पर आपराधिक केस दर्ज
18 में से 17 राइस मिलर संचालक ने परिवहन का पूरा फर्जी रिकार्ड तैयार किया। इसके साथ ही 25 सोसायटियों यानी उपार्जन केंद्र ने राइस मिलर संचालक और मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन जबलपुर के कर्मचारियों के साथ मिलकर अन्य जिलों में धान बेचने का रिकार्ड तैयार करवाकर उसे कागजों पर दिखा दिया। इन पर अधिनियम 1955 की सुसंगत धाराओं के तहत 12 आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं।ऐसे किया फर्जीवाड़ा
-17 मिलर ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। -इन सभी ने टोल पर 571 ट्रक की फर्जी एंट्रियों की जानकारी दिखाई। जिन वाहनों के परिवहन की जानकारी भेजी गई, वे ट्रक की नहीं बल्कि कई कारें थीं।-इतना ही नहीं फर्जीवाड़े में जबलपुर के दलाल भी शामिल रहे, जो अन्य जिलों के मिलर्स को यहां लाए और फिर विभाग के बाबू और कर्मचारियों से लेकर सोसायटी प्रबंधक के साथ बैठक करवाई।