journalist Ganga Pathak : आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोपी पत्रकार गंगा पाठक पर पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित किया है। पुलिस गंगा पाठक व पत्नी को लंबे समय से ढूंढ रही है। इसी क्रम में सोमवार को उसके सुखसागर कॉलोनी स्थित आवास पर भी पुलिस ने दबिश दी थी लेकिन आरोपी गंगा व पत्नी ममता का कोई सुराग नहीं मिल सका। पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए थे। उन्होंने बताया था कि वह 8 मार्च को घर से निकला था, तब से उसका कोई पता नहीं है। नगर पुलिस अधीक्षक गढ़ा देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी गंगा, पत्नी ममता सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर 5,000 का इनाम घोषित किया है।
journalist Ganga Pathak : फर्जी तरीके से आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोपियों की तलाश तेज
ऐंठाखेड़ा गांव में आदिवासी परिवारों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर उनकी जमीन पहले गंगा पाठक और फिर उसकी पत्नी के नाम रजिस्टर्ड कराई गई। प्रकरण में 10 आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत एफआइआर की है। फर्जीवाड़े की जांच में जमीन की रजिस्ट्री को एसडीएम ने शून्य घोषित कर दी है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
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journalist Ganga Pathak : पुलिस बल को देखकर कॉलोनी में हडक़ंप
उल्लेखनीय है की दो दिन पहले गढ़ा सीएसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनी। जिसमें तिलवारा थाना प्रभारी बृजेश मिश्रा और उनके थाने का स्टाफ और क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा और उनका स्टाफ शामिल था। सभी अधिकारी और जवान गंगा के सुख सागर स्थित घर पहुंचे। पुलिस बल को देखकर कॉलोनी में हडक़ंप मच गया। पुलिस अधिकारी और जवानों ने घर की तलाशी की लेकिन आरोपी गंगा और ममता पाठक नहीं मिले।
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journalist Ganga Pathak : घर खंगाला, परिजनों से की पूछताछ, बयान दर्ज
गंगा ने आदिवासी मालिक वीरन, शकुंतला गौड़, खमलो बाई, चंदन सिंगारो, चंदर सिंह, प्रदीप चौहान, चंद सिंह, सरजू, कल्लू बाई, और कढ़ोरी की करोड़ो रुपए की बेशकीमती जमीन के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया और उसे अपने और अपनी पत्नी के समेत गुर्गो के नाम पर दर्ज करवा लिया। खुलासा हुआ, तो एसडीएम ने जहां जमीनों की रजिस्ट्री शून्य कर दी, वहीं तिलवारा और बरगी थाने में गंगा, ममता व अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।