दफ्तर में नहीं मिले राठौर
इसके बाद शनिवार की दोपहर साढ़े 12 बजे पार्षद सत्यम के घर की बिजली काट दी गई। उन्होंने राठौर को फोन लगाया, तो जवाब नहीं दिया। वे स्वयं पर पेट्रोल छिड़ककर कार्यालय के भीतर घुस गए। हालांकि, वहां राठौर नहीं मिले। इसके बाद मेहरा ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। चार घंटे बाद उनके घर की आपूर्ति शुरू हुई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पाटन सम्भाग के अफसर कार्यालय में नहीं रहते। इस कारण उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पार्षद के ऊपर बकाया था बिल
इस पूरे मामले पर कार्यपालन अभियंता राठौर ने कहा कि पार्षद पर जनवरी तक 25 हजार 141 रुपए बिजली बिल बकाया था। फरवरी में दस हजार रुपए जमा किया गया था। अभी पार्षद पर 15 हजार 420 रुपए का बिल बकाया थआ। मीटर का दोबारा परीक्षण करके बिल में संशोधन किया जाएगा। इसके चलते कनेक्शन काटा गया है। सभी आरोप निराधार हैं।