मालूम हो, इंदौर के कुछ क्षेत्रों का एक्यूआइ 300 तक पहुंच जाता है। यह खतरनाक स्थिति है। जिन क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही अधिक है, वहां प्रदूषण का स्तर सामान्य से अधिक पाया जाता है। पुराने वाहनों पर सख्ती होगी तो प्रदूषण की स्थिति में सुधार होगा। वर्तमान में ऐसे वाहनों की रोकथाम के लिए कोई पॉलिसी नहीं है।
आरटीओ में 32 लाख वाहन रजिस्टर्ड
आरटीओ में करीब 32 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से 15 साल से कम पुराने 22 लाख से अधिक वाहन ऑन रोड तो बाकी 10 लाख ऑफ रोड हैं। 5 लाख से अधिक वाहन 15 से 20 साल पुराने हैं। बाकी वाहन बाहर जा चुके हैं या स्क्रैप हो चुके हैं। दिल्ली जैसे राज्यों में 15 साल पुराने वाहनों पर सख्ती होने से वहां के वाहन बड़ी संख्या में प्रदेश में चल रहे हैं। ये भी पढ़ें: सबको मिलेगा ‘कंफर्म टिकट’…रेलवे ने किया होली स्पेशल ट्रेन का ऐलान अभी यह पॉलिसी
आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया, वर्तमान में 15 साल पुराने वाहनों का निर्धारित ग्रीन टैक्स, फीस आदि जमा कर अतिरिक्त 5 साल के लिए रजिस्ट्रेशन रिन्यू किया जाता है। अधिकृत सेंटर से वाहन स्क्रैप करवाते हैं तो नया वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट मिलती है। पिछले एक साल में एक हजार से अधिक वाहन स्क्रैप हुए हैं।