नवसंवत्सर 2082 के प्रभाव से महंगाई पर लगाम कसेगी, फसलें अच्छी होंगी, लेकिन सूर्य की प्रधानता से अधिक गर्मी होगी। इसके अलावा और क्या असर होगा (Navsamvatsar 2025 Ka Faladesh), जानते हैं उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषी अमर डब्बावाला से
हर क्षेत्र पर पड़ेगा सूर्य का असर (Navsamvatsar 2025 Ka Faladesh)
Hindu New Year Astrology: ज्योतिषी डब्बावाला के अनुसार संवत् 2082 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा, जिसे सिद्धार्थ संवत्सर कहा जाएगा। इस संवत्सर में सूर्य की प्रधानता रहेगी, जिससे कुछ प्रमुख प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
नेतृत्व में दृढ़ता और अनुशासन (Navsamvatsar 2025 Astrology Effect On Leadership)
राजनीतिक परिदृश्य की बात करें, तो इस वर्ष राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की भूमिका सूर्य के समान प्रभावशाली होगी। नेतृत्व में दृढ़ता और अनुशासन देखने को मिलेगा।
फसल अच्छी होगी पर सूखे की भी आशंका
डब्बावाला के अनुसार, यदि आर्थिक स्थिति पर दृष्टि डालें तो महंगाई पर कुछ हद तक नियंत्रण रहेगा, जिससे जनता को राहत मिलेगी। फसलें अच्छी होने की संभावना है, जिससे किसानों को लाभ होगा। सूर्य प्रधानता के कारण गर्मी अधिक रहेगी, जिससे जलसंकट और सूखे की स्थिति बन सकती है।
प्रशासन हो सकता है कठोर
समाज में अनुशासन और परिश्रम की भावना बढ़ेगी। प्रशासन में कठोरता आ सकती है। गर्मी अधिक होने से जलजनित रोग और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।इस नवसंवत्सर में सूर्य की शक्ति विशेष प्रभाव डालेगी, जिससे प्रशासन और नेतृत्व में मजबूती के साथ-साथ मौसम का तीव्र प्रभाव भी देखने को मिलेगा।
ऐसे तय होता है ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह मंडल में नव वर्ष का राजा
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में 60 संवत्सरों का गणित आता है। उनमें 53वां संवत्सर सिद्धार्थ नाम का होता है।
केंद्र सरकार का बढ़ेगा दबदबा
सूर्य भारतीय ज्योतिष में विशिष्ट भूमिका में रहते हैं। सूर्य के प्रभाव से यह संवत्सर भारत के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। सूर्य नवग्रह में राजा है। इस दृष्टि से पूरे भारत में राज्य स्तरीय राजनीति का प्रमुख केंद्र सेंटर हो जाएगा अर्थात दिल्ली ही संपूर्ण भारत में राजनीति के मापदंड को तय करेगी।प्रधानमंत्री ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्री का डेवलपमेंट ग्राफ को तय करेंगे। सूर्य के राजा बनने पर अधिक शक्ति भारत के प्रधानमंत्री के हाथ में सुरक्षित रहेगी। राज्यों को विकास कार्यों के लिए केंद्र पर आश्रित रहना होगा।

प्रशासनिक और न्यायिक परिवर्तन होंगे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू नव वर्ष 2025 में नवग्रह मंत्रिमंडल जिस प्रकार से आकार लेगा, उसमें अलग-अलग प्रकार के प्रभार अलग-अलग ग्रहों को मिलेंगे और इसका लोगों पर भी उसी तरह असर पड़ेगा।हिंदू नव वर्ष 2025 में किस ग्रह का क्या फल रहेगा….
राजा सूर्य की शक्ति : पशुओं को कष्ट (Navsamvatsar 2082 Astrology)
संवत्सर का राजा सूर्य होने से सूर्य की शक्ति का प्रभाव अलग-अलग प्रकार से विभिन्न क्षेत्र में दिखाई देगा। सर्वप्रथम प्राकृतिक परिवर्तन होने से कहीं-कहीं खंडवृष्टि होगी कुछ स्थानों पर चतुष्पद पशुओं को पीड़ा की स्थिति और कहीं प्रजा को रोग आदि का कष्ट हो सकता है। वहीं धान्य का उत्पादन मध्यम से श्रेष्ठ होगा। राष्ट्रीय प्रमुखों के लिए यह समय चिंतनीय रहेगा, विश्व राजनीति में कूटनीति स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।मंत्री सूर्य का फल : साइबर अपराध बनेगा चुनौती
Navsamvatsar 2082 Astrology: साइबर अपराध कहीं-कहीं चुनौतियों का विषय बनेगा। उच्च तकनीक या नवीन तकनीक के माध्यम से शासकीय चुनौती की परीक्षा होगी। हालांकि प्रशासनिक क्षमता के बढ़ने से परिस्थिति में सुधार भी होगा।सस्येश बुध का फल: अच्छी बारिश
उत्तम वर्षा के योग बनेंगे। सुख, समृद्धि, शांति का वातावरण निर्मित होगा। ऋग्वैदीय परंपरा का एक बार पुनः अनुभव होगा। धर्म, अध्यात्म में जनता का मन, बुद्धि संयुक्त होगा।धान्येश चंद्र का फल: जनता को सुख शांति
अतिथि देवो भव: का संकल्प संपूर्ण विश्व में भारत के नाम को सम्मानित करवाएगा। भारत की निर्यात नीति सहयोगी राष्ट्रों को सहयोग करेगी, वहीं उत्तम कृषि से भंडारण परिपूरित रहेगा। धर्म प्राण जनता में सुख शांति का अनुभव होगा।शुक्र का फल: लोगों की आस्था संस्कृति में बढ़ेगी
वैदिक और उपनिषदीय प्रभाव बढ़ेगा। धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के प्रति वैचारिक परिवर्तन होंगे। लोगों में आस्था बढ़ेगी। तीर्थ मंदिरों की ओर लोगों का रूझान बढ़ेगा।बुध का फल: वन औषधि की मिलेगी अच्छी कीमत
वन औषधि एवं आयुर्वेदिक औषधि सहित सामुद्रिक वस्तुओं के मूल्य में उछाल आएगा। धातुओं के मूल्य में उतार-चढ़ाव के साथ वृद्धि होगी।