धौलपुर. केन्द्र सरकार की योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुडऩे के लिए जिले भर से इस साल अभी तक 19 हजार 840 उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है। इनमें से 19हजार 439 आवेदन किसी न किसी वजह से कार्यालयों में अटके हैं। जिनमें से 15 हजार 221 आवेदन बीडीओ या फिर नगर पालिका कार्यालय में सत्यान की बाट जोह रहे हैं। जिस कारण उपभोक्ताओं को अभी तक योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने की शुरुआत की गई है। जिसके तहत अभी जिले के पांच ब्लॉकों धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा,राजाखेड़ा के शहरी क्षेत्र से लगभग2 हजार 943 तो सैंपऊ को मिलाकर इन ब्लॉकों से 16 हजार 897 उपभोक्ताओं ने आवेदन किया था। लेकिन विभागों बीडीओ और नगर पालिकाओं की उदासीनता के कारण अभी तक इनमें से 90 प्रतिशत आवेदन पेंडिंग ही चल रहे हैं। इन आवेदनों के साथ कुछ पूर्व के आवेदनों में से अभी तक 399 आवेदनों में विभिन्न कमियां होने के कारण वापस भेजा गया है, जबकि इन दो आवेदनों को निरस्त किया गया है। इतने बड़े पैमाने पर आवेदनों के पेडिंग रहने से आवेदक एनएफएसए योजना में लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे, जो लंबे समय से अपने नाम जुडऩे का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि एनएफएसए के तहत राशन कार्ड पाने के लिए आवेदन संसाधित होने के बाद ही लोगों को रियायती दरों पर खाद्यान्न प्राप्त होता है।
15 हजार 215 आवेदन नपा और बीडीओ कार्यालयों में अटके जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलकर इस वर्ष 19 हजार 840 उपभोक्ता आवेदन कर चुके हैं। जिसमें से 15 हजार 215 आवेदन नगर पालिकाओं और बीडीओ कार्यालय में सत्यापन की बाट जोह रहे हैं। तो वहीं अभी ३ हजार ४४ आवेदन एसडीएम और एसडीओ कार्यालय में ही फंसे हुए हैं। जबकि 1 हजार 176 आवेदन बनाई हुईं कमेटियों के समक्ष समक्ष विचाराधीन हैं। तो 399 आवेदनों को त्रिटियों के कारण वापस उपभोक्ता के पास भेज दिया गया है।
दो साल के 11 हजार 620 आवेदन पेंडिंग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुडऩे उपभोक्ताओं के आवेदनों की दो सालों की बात करें तो पहले आवेदन ऑफलाइन ही किए जाते थे। अब प्रक्रियाओं में भी बदलाव आया है। अप्रेल2022 से 15 अपे्रल 2025 तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 37 हजार 288 आवेदन उपभोक्ताओं ने किए गए थे। जिसके बाद इनमें से 16 हजार 899 आवेदन को अपू्रव्ड किए गए तो 11 हजार 620 आवेदन किसी न किसी वजह से अभी भी पेंडिंग हैं। 1099 आवेदनों को रिजेक्ट भी किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों की हालत खराब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की हालत शहरी के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में हाल बेहाल हैं। यहां इस साल 16 हजार 897 लोगों ने आवेदन किया था। जिसमें 2 हजार 703 आवेदन अभी एसडीएम कार्यालय में ही लंबित हैं जबकि 13 हजार 380 आवेदन नगर पालिका सहित बीडीओ ऑफिसों में सत्यापन नहीं होने से पेंडिंग हैं। तो 456 आवेदन कमेटियों के समक्ष लंबित हैं।
आवेदन सत्यापन की प्रक्रिया उपभोक्ता को एनएफएसए से जुडक़र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए ई मित्रों के माध्यम से मय दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है। जिसके बाद आवेदन शहरी क्षेत्र एसडीएम कार्यालय तो ग्रामीण में एसडीओ कार्यालय से पहुंचते हैं। जहां इनकी संस्तुति करने के बाद इनके सत्यापन को शहरी क्षेत्र में नगर पालिका और ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ कार्यालय भेजा जाता है।
………..आपके जानने योग्य बातें………-एनएफएसए एक कानून है जो भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से रियायती दरों पर खाद्यान्न प्रदान करने की व्यवस्था करता है। -पेंडिंग आवेदनों को जल्द से जल्द संसाधित करने के लिए संबंधित सरकारी कार्यालयों में संपर्क किया जा सकता है।-यदि एनएफएसए के तहत राशन कार्ड प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है तो उपभोक्ता संबंधित अधिकारियों से खाद्य सुरक्षा भत्ते के बारे में भी पूछ सकते हैं, जो उन्हें खाद्यान्न न मिलने की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान कर सकता है।
– आवेदन करते समय दस्तावेजों में त्रुटि हो तो पुन: गलती सुधार आवेदन किया जा सकता है। केन्द्र सरकार की योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुडऩे के लिए आए आवेदनों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ और शहरी क्षेत्रों नगर पालिका के अधीन रहते हैं। आवेदन सत्यापन के लिए इनकी साइट पर ही पेंडिंग चल रही है।
-कल्याण सहाय, डीएसओ धौलपुर