सिलेंडर के बढ़े दामों से गृहणियां निराश हैं। उनका कहना है कि पहले से ही अधिक महंगाई की मार झेल रहे हैं। खाद्य सामग्री से लेकर सब्जियां तक महंगी हो चुकी हैं। और अब सिलेंडर के बढ़े दाम घर खर्च पर भारी पड़ेंगे। सिलेंडरों के दामों में वृद्धि इससे पहले 2023 में की गई थी तब भी प्रति सिलेंडर के दाम 50 रुपए बढ़ाए गए थे। तो वहीं एक साल पहले सरकार ने सिलेंडर के दामों में 100 रुपए की भी कटौती की थी। धौलपुर शहर में 14.2 किलो घरेलू सिलेंडर के दाम 821.50 रुपए थे। कीमत बढऩे के साथ ही अब सिलेंडर के दाम 871.50 रुपए हो गए हैं। सिलेंडर के बढ़े हुए दाम 8 अपे्रल से लागू हो चुके हैं। सरकार ने कमर्शियल सिलेंडर के दामों में भी इजाफा किया गया है। 19 किलो कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 6 रुपए बढ़ाए गए हैं। अब सिलेंडर की कीमत 1797 से बढकऱ 1803 रुपए हो जाएगी।
न्यूनतम बिजली खपत शुल्क बढ़ाने की तैयारी सिलेंडर के बढ़ते दामों के साथ ही राज्य सरकार बिजली के दाम भी बढ़ा सकती है। बिजली कंपनियों ने न्यूनतम बिजली खपत शुल्क को मौजूदा 4.75 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव किया है। इसका मतलब है कि सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। यह वृद्धि सभी प्रकार के बिजली उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। जिसमें घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ता शामिल हैं। यह प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन है, लेकिन अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो बिजली के बिल में वृद्धि देखी जा सकती है।
गैस कंपनियां निर्धारित करती हैं दरें एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि मुख्य रूप से सरकारी तेल कंपनियां निर्धारित करती हैं। वैश्विक कच्चे तेल की दरों के आधार पर मासिक आधार पर इसमें बदलाव होता रहता है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से राजस्थान में एलपीजी की कीमतों में वृद्धि होती है और इसके विपरीत भी। एलपीजी एक सुरक्षित और रंगहीन गैस है और इसलिए घरेलू और औद्योगिक क्षेत्र में इसका उपयोग काफी बढ़ गया है।