कांस्टेबल रामनरेश ने बताया कि 22 अप्रेल 2022 को सुबह तीन बजकर चालीस मिनट का समय था। छत्तीसगढ़ से उनके दल को जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की विशेष ड्यूटी पर तैनात किया गया था। रुटीन की ही तरह बठिंडी के चाटा इलाके से उनका वाहन गुजर रहा था। इसी बीच पास की इमारत पर घात लगाकर बैठे आतंकी ने पहले जहां यूबीजीएल दागा। इससे वाहन न्यूट्रल होकर बिजली के ट्रांसफार्मर से जा टकराया। चालक जान बचाकर भाग निकला, हमला होते ही जवानों ने मोर्चा संभाल लिया।
सुबह साढ़े चार बजे तक चली जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया लेकिन इसमें सीआईएसएफ की बस में सवार दस जवानों में से एक एएसआई शहीद हो गए। आर्मी ने सीआईएसएफ के जवानों की बहादुरी को देखते हुए राष्ट्रपति वीरता पदक देने का निर्णय किया गया। गौलारी पंचायत अन्तर्गत डौमपुरा में होली से पहले ही गांव के बेटे को राष्ट्रपति वीरता पदक मिलने पर जमकर अमीर गुलाल उड़ा। कांस्टेबल रामनरेश गुर्जर के पिता जलसिंह गुर्जर ने बेटे को बहादुरी के लिए सम्मानित होने पर खुशी जाहिर की।
बाबा चिरंजी पटेल ने कहा कि जीवन में पहली बार बेटे की बहादुरी का इनाम मिलने की खुशी हैं. जिसे शब्दों में बयां नही कर सकते हैं। रामनरेश का परिवार पशुपालन के व्यवसाय से जुड़ा हुआ हैं. रामनरेश ने 3 जून 2017 को फोर्स जॉइन की थी. पहली पोस्टिंग 3 रिजर्व बटालियन भिलाई (छत्तीसगढ़) एवं उसके बाद 3 साल दिल्ली फिर छत्तीसगढ़ के बाद फिर दिल्ली पार्लियामेंट ओर एनएसजी मानेसर में तैनात रहकर अपना फर्ज निभा रहा हैं।