Holi 2025: 7 दिन पहले ही मन गई होली
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम देवता सिरदार देव की पूजा-अर्चना के बाद प्रथम गुलाल अर्पण उन्हें ही किया जाता है। इसके बाद त्यौहार मनाया जाता है। होली ही नहीं दशराह,
दिवाली सहित अन्य बड़े पर्वों को यहां एक सप्ताह पहले ही मनाने की परंपरा चली आ रही है। जब किसी ने भी इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास किया तो कोई न कोई अनहोनी हुई है। यही वजह है कि ग्रामीण आज भी पुरानी परंपरा पर आस्था जताकर इसका निर्वहन कर रहे हैं।
होली त्यौहार के मौके पर नगाडों की थाप पर युवा गुलाल उड़ाकर खूब थिरके। ढोल-नगाड़ों की धुन और रंग-गुलाल से पूरा गांव सराबार हो गया था।
ग्रामीणों ने बताया कि अनोखे रिवाज के चलते गांव में दूर-दूर से लोग होली से पहले ही रिश्तेदार गांव आते हैं, जिससे का गांव का उत्साह दोगुना हो जाता है। बताया कि समय के साथ सब कुछ बदला, लेकिन यह परंपरा आज भी कायम है।