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BCCI के नए नियम पर विराट कोहली ने जताई आपत्ति, बोले- मुझे कमरे में अकेला बैठकर उदास नहीं होना

Virat Kohli on Limiting Families Presence: विराट कोहली बीसीसीआई उस नियम पर आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया था कि खिलाड़ी दौरों पर परिवारों के साथ सीमित अवधि तक ही रह सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि लोगों को ये समझाना मुश्किल है कि जब किसी खिलाड़ी का कठिन वक्‍त होता है तो परिवार के साथ से उसे संतुलन मिलता है।

भारतMar 16, 2025 / 01:21 pm

lokesh verma

Virat Kohli
Virat Kohli on Limiting Families Presence: भारत के स्‍टार बल्‍लेबाज विराट कोहली ने टीम इंडिया के दौरों पर परिवारों की मौजूदगी का सपोर्ट किया है। उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है कि इससे खिलाड़ियों को संतुलन मिलता है, जो मैदान पर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे होते हैं। कोहली ने कहा कि लोगों को ये समझाना मुश्किल है कि जब किसी खिलाड़ी का कठिन वक्‍त होता है तो परिवार के साथ से उसे संतुलन मिलता है। उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लोग इस बात को पूरी तरह से समझते हैं कि ये कितना मूल्यवान है। परिवार का क्रिकेट से कोई मतलब नहीं होता है और फिर भी उन्हें बीच में लाकर कहते हैं कि उन्हें दूर रखना चाहिए।

बीसीसीआई ने जारी किए थे ये दिशा-निर्देश

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में भारत के बॉर्डर-गावस्‍कर ट्रॉफी 1-3 हारने के बाद बीसीसीआई की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए थे कि टीम इंडिया के दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों के साथ रहने की अवधि को सीमित होगी। सिर्फ 45 दिन से अधिक के दौरों पर ही खिलाड़ी पारिवारिक सदस्य पहले 2 हफ्ते के बाद जुड़ सकते हैं। इतना ही नहीं दो सप्‍ताह से ज्‍यादा वे दौरों पर नहीं नहीं रुक सकते है। वहीं, छोटे दौरे पर खिलाड़ी परिवार को एक हफ्ते तक साथ रख सकता है।

‘मुझे कमरे में अकेला बैठकर उदास नहीं होना’

क्रिकबज की ए‍क रिपोर्ट के अनुसार, विराट कोहली ने कहा कि अगर आप किसी भी खिलाड़ी से पूछेंगे कि आप क्या चाहते हैं कि परिवार हमेशा पास रहे? तो वे कहेंगे, हां। मुझे कमरे में अकेला बैठकर उदास नहीं होना। मैं भी सामान्य रहना चाहता हूं और फिर आप खेल को एक जिम्‍मेदारी मान सकते हैं। आप उस जिम्मेदारी को खत्म कर फिर वापस जीवन में लौट आते हैं।
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‘मैं कभी इसे खोना नहीं चाहता’

कोहली ने कहा कि ये बहुत वास्तविक है कि आप अपनी जिम्‍मेदारी निभाएं और फिर अपने घर वापस आएं। परिवार के साथ रहते हैं और घर में बिल्कुल सामान्य स्थिति रहती है और सामान्य पारिवारिक जीवन भी चलता रहता है। मेरे लिए ये खुशी का एक दिन होता है और मैं कभी इसे खोना नहीं चाहता कि परिवार के साथ वक्‍त ही नहीं गुजार सका।

‘पहले आक्रामकता समस्या थी और अब…’

वहीं, कोहली से जब मैदान पर उनकी कम होती आक्रामक छवि को लेकर सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा कि ये स्वाभाविक रूप से कम होता जा रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि लोग इस बात से खुश नहीं हैं। मुझे सच में नहीं पता कि क्या करना है। पहले आक्रामकता समस्या थी, अब शांत रहना एक समस्या बन गई है। इसलिए मैं इस पर ज्‍यादा ध्यान नहीं देता।

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