मुल्लांपुर के महाराजा यादवेंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 112 रनों का मामूली लक्ष्य दिया था। जवाब में केकेआर की टीम 15.1 ओवर में सिर्फ 95 रन पर ऑलआउट हो गई।
केकेआर ने अच्छी शुरुआत की थी और पावरप्ले में 50 रन जोड़ लिए थे। लेकिन कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होते ही टीम की बल्लेबाज़ी बिखर गई। सिर्फ 7 रन के भीतर—72 से 79 के स्कोर के बीच—केकेआर ने अपने पांच अहम विकेट गंवा दिए, जिससे पंजाब के गेंदबाजों ने मुकाबले पर पूरी तरह पकड़ बना ली।
लक्ष्य का पीछा करते हुए केकेआर की शुरुआत ही लड़खड़ाहट भरी रही और टीम ने पहले ही ओवर में विकेट गंवा दिया। हालांकि, कप्तान अजिंक्य रहाणे और इम्पैक्ट प्लेयर अंगकृष रघुवंशी ने तीसरे विकेट के लिए 55 रन की अहम साझेदारी की। लेकिन इस साझेदारी के टूटते ही केकेआर की बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह ढह गई।
आंद्रे रसेल ने जरूर कुछ बड़े शॉट लगाकर मैच को बचाने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से लगातार गिरते विकेटों के चलते वह भी असफल रहे। केकेआर की ओर से अंगकृष रघुवंशी ने सर्वाधिक 37 रन बनाए, जबकि रहाणे और रसेल ने 17-17 रन का योगदान दिया। इन तीन बल्लेबाज़ों के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका, जबकि तीन बल्लेबाज़ खाता भी नहीं खोल पाए।
पंजाब किंग्स की ओर से युजवेंद्र चहल ने घातक गेंदबाज़ी करते हुए चार विकेट लिए। मार्को यानसेन को तीन विकेट मिले, जबकि जैवियर बार्टलेट, अर्शदीप सिंह और ग्लेन मैक्सवेल ने एक-एक विकेट झटका। इस जीत से पंजाब ने न केवल अंक तालिका में अपने स्थान को मज़बूत किया, बल्कि आईपीएल इतिहास में एक सुनहरा अध्याय भी जोड़ दिया।