गेंद काफी गीली हो चुकी थी
दरअसल, दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में
डीसी बनाम एमआई मैच की दूसरी पारी में ओस काफी ज्यादा थी। मैदान पर ओस को हटाने के लिए सुपर सॉपर्स भी इस्तेमाल किए जा रहे थे, लेकिन इसके बावजूद गेंद काफी गीली हो रही थी। 13.3 ओवर में दिल्ली की टीम तीन विकेट के नुकसान पर 144 रन बना चुकी थी। यहां से उसे जीत के लिए 39 गेंदों पर महज 62 रन की दरकार थी। बुमराह ने अगली ही गेंद पर अक्षर पटेल का विकेट चटका दिया और फिर मुंबई ने गेंद बदलने का फैसला किया।
गेंद बदलते स्पिनर्स ने बरपाया कहर
गेंद बदलने के बाद कर्ण शर्मा और मिचेल सेंटनर ने गेंद को बेहतर तरीके से ग्रिप किया और पिच से उछाल, टर्न और अच्छी पकड़ भी मिलने लगी। इससे बल्लेबाज़ों के लिए ऊंचे शॉट लगाना मुश्किल हो गया। कर्ण ने पहले स्टब्स को लॉन्ग ऑफ पर कैच करवाया और फिर केएल राहुल को खुद की गेंद पर कैच आउट कर दिया। इन विकेटों के बाद दिल्ली कैपिटल्स मुश्किल में आ गई थी। उन्हें 27 गेंदों में 46 रन चाहिए थे और सिर्फ़ 4 विकेट बचे थे। फिर ट्रेंट बोल्ट ने 17वें ओवर में पांच यॉर्कर फेंककर सिर्फ तीन रन दिए। सेंटनर ने प्लान के तहत किया विपराज का शिकार
सबको लगा था कि अब हार्दिक पंड्या 18वां और 20वां ओवर डालेंगे और बुमराह को 19वां दिया जाएगा, लेकिन एमआई ने सेंटनर को 18वां ओवर थमा दिया। शुरुआत में दिल्ली के विपराज निगम ने दो बाउंड्री लगाकर रोमांच बढ़ा दिया, लेकिन यह सेंटनर की योजना का हिस्सा था। उन्होंने अगली गेंद बहुत धीमी और बाहर फेंकी, जिससे निगम चकमा खा गए और स्टंप हो गए।
करन शर्मा बोले- गेंद बदलना मैच का टर्निंग पॉइंट था
इसके बाद बुमराह पर दो चौके जरूर लगे, लेकिन मुंबई ने 3 रन आउट किए, जिनमें एक शानदार थ्रो सेंटनर ने मिड विकेट से सीधे मारा। मैच के बाद प्लेयर ऑफ द मैच बने करन शर्मा ने कहा कि गेंद बदलना मैच का टर्निंग पॉइंट था। पुरानी गेंद गीली हो रही थी, जिससे पकड़ नहीं बन रही थी। लेकिन हमें विकेट निकालने थे, क्योंकि दिल्ली कैपिटल्स तेजी से रन बना रही थी। जब दूसरी गेंद आई तो उस पर टर्न और उछाल मिला। केएल राहुल जैसा बड़ा खिलाड़ी आउट हुआ तो हमें बढ़त मिली।