उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से राजस्थान में अफीम की खेती के नियन्त्रण तथा अफीम फसल की खरीद का काम भारत सरकार की ओर से स्थापित नोडल एजेन्सी केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा किया जाता रहा है। यह काम केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जिला अफीम अधिकारी कार्यालयो के अन्तर्गत स्थापित 8 अफीम कृषि प्रभागो भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ प्रथम, द्वितीय, तृतीय, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ प्रथम एवं द्वितीय के माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस साल अफीम फसल खरीद के लिए बारां, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा में एक-एक, प्रतापगढ़ में दो तथा चित्तौडग़ढ़ में तीन अफीम तोल व खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें लगभग 28 हजार 500 किसानों से अफीम गोंद उपज तथा लगभग 13 हजार 600 किसानों से बिना चीरा लगा अफीम डोडा यानी सीपीएस उपज की खरीद की जाएगी।
अफीम गोंद खरीद का काम चित्तौडग़ढ़ प्रथम, द्वितीय, तृतीय खण्ड के काश्तकारों से 1 अप्रेल से, प्रतापगढ़ द्वितीय खण्ड, भीलवाड़ा के काश्तकारों से 2 अप्रेल से, प्रतापगढ़ प्रथम व झालावाड़ के किसानों से 3 अप्रेल से शुरू होगा। कोटा प्रभाग के अन्तर्गत रामगंज मण्डी तहसील के काश्तकारों से अफीम गोंद खरीद का काम 5 अप्रेल से रामगंजमण्डी केन्द्र पर तथा अन्य सभी किसानों से 12 अप्रेल से छीपाबड़ोद केन्द्र पर खरीद का काम शुरू किया जाएगा।
काश्तकारों से बिना चीरा लगा अफीम डोडा यानी सीपीएस उपज की खरीद का काम झालावाड़ में 8 अप्रेल से, चित्तौडग़ढ़ द्वितीय खण्ड में 11 अप्रेल से, प्रतापगढ़ प्रथम खण्ड में 12 अप्रेल से, प्रतापगढ़ द्वितीय खण्ड में 13 अप्रेल से, चित्तौडग़ढ़ प्रथम एवं तृतीय खण्ड में 15 अप्रेल से, भीलवाड़ा में 16 अप्रेल से शुरू होगा।
कोटा प्रभाग के अन्तर्गत रामगंज मण्डी तहसील के काश्तकारों से बिना चीरा लगा अफीम डोडा यानी सीपीएस की खरीद का काम 6 अप्रेल से रामगंजमण्डी केन्द्र पर तथा अन्य सभी काश्तकारों से 17 अप्रेल से छीपाबड़ोद केन्द्र पर खरीद शुरू की जाएगी।