टमाटर भले ही अभी 10 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रहा है, लेकिन अन्य प्रमुख सब्जियों जैसे आलू और प्याज के दाम भी अब बढ़ गए हैं। बाजार में गिलकी और धनिया पत्ती 50-60 रुपए प्रति किलो बिक रही हैं, जबकि करेला, बरबटी, तुरई, कटहल, फर्राश, पुदीना, मैथी, सहजन, गाजर, अदरक, पालक जैसे रोजमर्रा की सब्जियों के दाम 60 से 80 रुपए प्रति किलो के बीच पहुंच चुके हैं।
सबसे अधिक महंगे सब्जियों में टिंडा 80-100 रुपए, मटर और परवल 100-120 रुपए, चने की भाजी और लहसुन 100 रुपए से अधिक तथा नींबू 200 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। हालांकि कुछ सब्जियों ने आम उपभोक्ता को राहत जरूर दी है। इनमें आलू 20-25, पत्तागोभी 20-30, प्याज 25-30, कद्दू, लौकी, फूलगोभी, बैंगन, खीरा, चुकंदर 30 से 40 रुपए प्रति किलो के बीच उपलब्ध हैं।
महंगाई की मार
टिंडा- 80-100 रु./किलो
मटर, परवल- 100-120 रु./किलो
चने की भाजी, लहसुन- 100-120 रु./किलो
नींबू- 200 रु./किलो कुछ राहत देने वाली सब्जियां
आलू- 20-25 रु./किलो
पत्तागोभी- 20-30 रु./किलो
प्याज- 25-30 रु./किलो
कद्दू, लौकी, फूलगोभी- 30-40 रु./किलो महंगाई के इस दौर में आम जनता का रसोई का संतुलन बनाए रखना अब चुनौती बन गया है। यदि यही स्थिति बनी रही तो आम उपभोक्ता के लिए हरी सब्जियों को खरीदना मुश्किल हो जाएगा।