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छतरपुर

मां सीता को बताया ‘फेमिनिस्ट’, यूनिवर्सिटी की कुलगुरु के खिलाफ हिंदू संगठनों ने खोला मोर्चा

controversy erupted: छतरपुर स्थित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की कुलगुरु द्वारा ओरछा में मां सीता को लेकर की गई टिप्पणी पर हंगामा मच गया। हिंदू संगठनों और ABVP कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताते हुए यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया।

छतरपुरMar 21, 2025 / 03:10 pm

Akash Dewani

controversy erupted over Maharaja Chhatrasal Bundelkhand University Vice Chancellor called Maa Sita a feminist in chhatarpur
controversy erupted: मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी द्वारा ओरछा में मां सीता के ऊपर की गई टिप्पणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इस मामले को लेकर छतरपुर निवासी विकास चतुर्वेदी ने कड़े सवाल उठाए, वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र-छात्राओं ने यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन करते हुए कुलगुरु के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
दरअसल, ओरछा धाम में एक कार्यक्रम के दौरान कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने अपने वक्तव्य में मां सीता को ‘फेमिनिस्ट’ बताया था। इसके अलावा उन पर आरोप है कि उन्होंने माता सीता को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी कीं, जिससे हिंदू समाज में गहरा आक्रोश फैल गया। इस बयान के सार्वजनिक होते ही हिंदू संगठनों और ABVP के कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ गई।

कुलगुरु के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

ABVP के छात्र-छात्राओं ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के परिसर में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और कुलगुरु के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। इस पूरे मामले को उजागर करने वाले विकास चतुर्वेदी ने कुलगुरु प्रो. तिवारी पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि एक प्रतिष्ठित पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह के विवादित बयान देने से बचना चाहिए।
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कुलगुरु ने दी सफाई

जब प्रदर्शन बढ़ता गया, तो कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने मां सीता के व्यक्तित्व को लेकर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी।
हालांकि, जब ABVP के प्रदर्शनकारियों का आक्रोश बढ़ता गया और पुलिस भी मौके पर पहुंची, तो आखिरकार कुलगुरु को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना पड़ा। उन्होंने कहा- ‘अगर मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।’ कुलगुरु के इस बयान के बाद प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं शांत हुए और दो दिन से चल रहा यह धार्मिक भावना से जुड़ा विवाद थम गया।
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प्रदर्शनकारियों और जानकारों के बयान

विकास चतुर्वेदी, धार्मिक जानकार: एक प्रतिष्ठित पद पर बैठे व्यक्ति को धार्मिक भावनाओं से जुड़े विषयों पर सोच-समझकर बयान देना चाहिए। मां सीता को लेकर दिया गया बयान अनुचित था।
राजदीप तिवारी, विद्यार्थी परिषद: हमने कुलगुरु के बयान का विरोध इसलिए किया क्योंकि यह धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने वाला था। हम ऐसे किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

प्रो. शुभा तिवारी, कुलगुरु: मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, लेकिन फिर भी अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।

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